Grah Gochar 2025: जुलाई 2025 की शुरुआत के साथ ही आकाश में ग्रहों की स्थिति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। विशेषकर गुरु ग्रह, जो एक महीने से अस्त थे, अब 7 जुलाई को पुनः उदित हो रहे हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, ग्रहों की चाल का सीधा प्रभाव मनुष्यों के जीवन और मौसम पर पड़ता है। गुरु और शुक्र जैसे प्रमुख ग्रह जब अस्त या उदित होते हैं, तो उसका असर शुभ कार्यों और पर्यावरण पर भी देखा जाता है।
11 जून को अस्त हुए थे गुरु, विवाह और धार्मिक कार्यों पर लगी थी रोक
ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह 11 जून 2025 को अस्त हो गए थे। इसके परिणामस्वरूप विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी। गुरु का अस्त होना वैदिक परंपरा में शुभ कार्यों के अवरोध के रूप में माना जाता है। लेकिन अब जुलाई में गुरु का पुनः उदय इन सभी कार्यों की बहाली का संकेत दे रहा है।
सूर्य आद्रा नक्षत्र में, गुरु के उदय से मौसम में भी आएगा बदलाव
पंडित रामगोविंद शास्त्री बताते हैं कि वर्तमान में सूर्य आद्रा नक्षत्र में भ्रमण कर रहे हैं, जो स्वयं में मौसम को सक्रिय करने वाला योग है। अब जैसे ही 7 जुलाई को गुरु उदित होंगे, वैसे ही वातावरण में हलचल और परिवर्तन देखा जाएगा। आंधी और बारिश की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे मानसून भी अधिक सशक्त होगा।
गुरु और शुक्र की गति से बनते हैं वर्षा और तूफान के योग
ग्रहों की चाल का प्रभाव केवल जीवन के कर्मकांडों पर ही नहीं, बल्कि प्रकृति पर भी होता है। जब गुरु या शुक्र अस्त या उदित होते हैं, तो मौसम परिवर्तनशील हो जाता है। खासकर आंधी-तूफान और बारिश जैसे मौसमी बदलाव इसी खगोलीय कारणों से होते हैं। 7 जुलाई से गुरु के उदय के साथ ही बारिश और तेज हवाओं के योग बनने लगेंगे।
वैवाहिक जीवन में सुधार के संकेत, गुरु-शुक्र का है विशेष संबंध
गुरु और शुक्र दोनों ही ग्रह वैवाहिक जीवन और जीवनसाथी से जुड़े हुए माने जाते हैं। जब इनमें से कोई ग्रह अस्त होता है तो विवाह संबंधित कार्यों में रुकावट आती है, और जब उदित होता है तो नए रिश्तों की शुरुआत और शादी-विवाह के योग बनने लगते हैं। इस बार गुरु के उदय से पुनः वैवाहिक कार्यक्रम शुरू होंगे।
7 जुलाई को उदित होंगे गुरु, 8 महीने तक रहेंगे इसी स्थिति में
हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु 7 जुलाई 2025 को पुनः उदित हो जाएंगे और अगले 8 महीनों तक इसी स्थिति में रहेंगे। इसका मतलब है कि अब धार्मिक कार्यों का शुभ समय शुरू हो जाएगा। विवाह, नामकरण, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्यों के लिए शुद्ध मुहूर्त पुनः मिलना शुरू हो जाएंगे।
शुक्र के अस्त होते ही फिर से रुक सकते हैं शुभ कार्य
हालांकि गुरु के उदय से धार्मिक और शुभ कार्यों की बहाली होगी, लेकिन इस बीच शुक्र ग्रह के आगामी अस्त होने की भी संभावना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र के अस्त होने पर फिर से कुछ समय के लिए मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। ऐसे में जुलाई से अक्टूबर के बीच का समय विशेष सावधानी से देखना होगा।