30 किलो रंगों से बनाई गई बाबा महाकाल के मंदिर परिसर में अद्भुत रंगोली
उज्जैन के बाबा महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का एक अलग ही रंग देखने को मिल रहा हैं। महाकालेश्वर के मंदिर परिसर में शिव-पार्वती के विवाह के प्रसंग शिव बरात की कल्पना 3डी रंगोली के जरिए की गई है। यह विशाल रंगोली श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस रंगोली को इंदौर से आये हुए 15 लोगो ने बनाया है।
बतया जा रहा है की इंदौर की शिखा शर्मा ने अपनी टीम के साथ यह रंगोली बनाई है, जिसमें भूत-पिशाच का नृत्य और शिव-पार्वती के विवाह का दृश्य देखने को मिल रहा है। यह रंगोली ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास बनाई गई है। शिव-पार्वती विवाह के दौरान एक तरफ शिवजी की बारात में भूतों की टोली है, वहीं दूसरी ओर माता पार्वती का परिवार दर्शाया गया है। मंदिर परिसर में शिवजी के महाकाल स्वरूप को भी दर्शाया गया है। कलाकारों ने बताया की महाकाल परिसर में बनाने वाली रंगोली में प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है।
इस रंगोली को बनाने में करीब 30 किलो रंग इस्तेमाल हुआ है। इस 600 वर्गफीट में बनी रंगोली को शिखा ने अपने स्टूडेंट्स के साथ बनाया है। इंदौर से आए कलाकारो का कहना है कि रंगोली भारत की प्राचीन परंपरा है। यह धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। इस परंपरा का पुराने समय से ही काफी महत्व रहा है। इसके जरिए उन रंगों को दिखाया जाता है, जो काफी अद्भुत है। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं इसलिए यहां पर रंगोली के माध्यम से भगवान शिव की आराधना की जा रही है।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया की कलाकारों ने अद्भुत विवाह का तेजस्व चित्रण किया है। उन्होंने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों में केवल भगवान महाकाल के दरबार में शिव-पार्वती विवाह की अद्भुत परंपराओं का निर्वहन होता है। यहां पर श्रद्धालुओं द्वारा भी अपनी ओर से समर्पण भावना प्रकट करते हुए अलग-अलग जिम्मेदारियां उठाते है। इंदौर के कलाकारों ने नि शुल्क रंगोली बनाकर महोत्सव में अपना योगदान दिया है।