Union Carbide Waste Disposal : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित भोपाल गैस कांड से जुड़ी यूनियन कार्बाइड कंपनी के कचरे को नष्ट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इंदौर से सटे पीथमपुर स्थित एक फैक्ट्री में इस कचरे के विनिष्टीकरण को मंजूरी दी है।
यूनियन कार्बाइड कचरे पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा तीन चरणों में किए गए कचरा विनिष्टीकरण के ट्रायल रन की रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए यह फैसला लिया है। इन ट्रायल रन में यह साबित हुआ कि कचरा विनिष्टीकरण की प्रक्रिया से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। कोर्ट ने यह निर्देश दिया कि राज्य सरकार अब विनिष्टीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है, बशर्ते सभी नियमों का पालन किया जाए।
कैसे हुआ कचरे का विनिष्टीकरण परीक्षण?
राज्य सरकार ने तीन चरणों में 10-10 मीट्रिक टन कचरे का नष्टकरण किया। पहले चरण में 135 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा नष्ट किया गया, दूसरे चरण में 170 किलो प्रति घंटे, और तीसरे चरण में यह दर बढ़कर 270 किलो प्रति घंटे तक पहुंच गई। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कचरे के विनिष्टीकरण से पहले अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए गए थे, ताकि लोगों को इसके प्रभाव और प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल सके।