GST Collection : दिसंबर 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में 7.1% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह 1.76 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले साल दिसंबर में दर्ज 1.64 लाख करोड़ रुपये की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। केंद्रीय जीएसटी (CGST), राज्य जीएसटी (SGST), एकीकृत जीएसटी (IGST), और उपकर (Cess) जैसे सभी प्रमुख घटकों में सालाना आधार पर सुधार हुआ है।
वित्त वर्ष 2024-25 की प्रगति
वर्तमान वित्तीय वर्ष में, अब तक का कुल जीएसटी संग्रह 16.33 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.1% अधिक है। अप्रैल 2024 में, जीएसटी संग्रह ने 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर को छू लिया था।
पिछले वित्तीय वर्ष का प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पूर्व के वित्तीय वर्ष से 11.7% अधिक था। इस वृद्धि में घरेलू खपत और आयात गतिविधियों का बड़ा योगदान रहा, जो देश की आर्थिक मजबूती का संकेत देता है।
GST संग्रह में वृद्धि के संकेत
जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और सुधार हो रहा है। यह न केवल सरकार के राजस्व में सुधार दर्शाता है, बल्कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद उपभोग और उत्पादन के स्तर पर अर्थव्यवस्था की मजबूती को भी दर्शाता है।
जीएसटी का सफर और इसके लाभ
1 जुलाई 2017 से लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने देश की कर प्रणाली को सरल बनाया। इस प्रणाली के तहत कई आवश्यक वस्तुओं जैसे बाल तेल, टूथपेस्ट, साबुन, डिटर्जेंट, चावल, दही, और मक्खन पर दरें घटाई गई हैं। कुछ वस्तुओं को शून्य कर दरों में रखा गया, जिससे आम लोगों को राहत मिली है।
जीएसटी काउंसिल का योगदान
जीएसटी काउंसिल, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं, ने इस प्रणाली को प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाई है। 21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में हुई काउंसिल की बैठक में सुधार और नई नीतियों पर चर्चा की गई।
आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत
जीएसटी संग्रह में वृद्धि न केवल राजस्व सुधार का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की स्थिर आर्थिक नीतियों और विकासशील दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। घरेलू खपत और उत्पादन के बढ़ते स्तर के साथ, यह संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूत दिशा में आगे बढ़ रही है।