GST Collection: त्योहारों की रौनक ने देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक दी है। हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती का प्रभाव अब साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में कुल जीएसटी संग्रह 4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछले साल के अक्टूबर महीने के मुकाबले लगभग 9,000 करोड़ रुपये अधिक है।
375 वस्तुओं पर नई जीएसटी दरें लागू
सरकार ने 22 सितंबर 2025 से 375 वस्तुओं पर नई जीएसटी दरें लागू की थीं। इसमें रसोई से जुड़े सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल उत्पाद प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह तारीख नवरात्रि का पहला दिन था, जिसे भारतीय परंपरा में खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। ऐसे में लोगों ने इस अवसर पर नई दरों का लाभ उठाते हुए जमकर खरीदारी की, जिससे बाजार में मांग तेजी से बढ़ी।
उपभोक्ताओं ने दर कटौती का किया इंतजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद उपभोक्ता बाजार में खरीदारी करने से रुके रहे, क्योंकि सभी को नई दरों के लागू होने का इंतजार था। जैसे ही नई दरें प्रभावी हुईं, खरीदारी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। परिणामस्वरूप, अक्टूबर का जीएसटी संग्रह उम्मीद से अधिक दर्ज किया गया।
बीते महीनों की तुलना में अक्टूबर का प्रदर्शन
हालांकि अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि देखी गई, लेकिन यह वृद्धि सितंबर और अगस्त की तुलना में थोड़ी धीमी रही। अगस्त में कुल संग्रह 1.86 लाख करोड़ रुपये, जबकि सितंबर में 1.89 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहा था। अक्टूबर का कलेक्शन इन दोनों महीनों से थोड़ा अधिक है, लेकिन वार्षिक औसत वृद्धि की तुलना में कुछ कम रहा। इस बार जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर 4.6% की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जबकि पहले यह औसत लगभग 9% के आसपास थी।
घरेलू बिक्री और आयात दोनों में उछाल
सकल घरेलू राजस्व, जो देश की स्थानीय बिक्री का संकेतक माना जाता है, अक्टूबर में 2 प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं, आयात शुल्क में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो 50,884 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह दर्शाता है कि विदेशी माल की मांग भी तेजी से बढ़ी है।
रिफंड और शुद्ध राजस्व में भी इजाफा
जीएसटी रिफंड के आंकड़ों में भी तेजी देखी गई है। अक्टूबर 2025 में जीएसटी रिफंड 39.6 प्रतिशत बढ़कर 26,934 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.2 प्रतिशत अधिक है। यह बताता है कि देश की कर प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता के प्रयास सफल हो रहे हैं।