GST दरों में कटौती, केंद्र का सख्त नियम, कंपनियों को दिखाने होंगे उत्पादों पर पुराना और नया दोनों एमआरपी

त्योहारों का मौसम शुरू होने से ठीक पहले केंद्र सरकार ने ग्राहकों को बड़ी खुशखबरी दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की है कि 375 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटाई गई हैं। यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा, जब नवरात्र की शुरुआत होगी। सरकार का कहना है कि टैक्स दरों में यह कटौती सीधे उपभोक्ताओं की जेब तक पहुंचेगी और उन्हें कम कीमतों पर सामान उपलब्ध होगा।

पुराने स्टॉक पर नया दाम दिखाना अनिवार्य

सरकार ने साफ कर दिया है कि टैक्स दर में कटौती के बाद कंपनियों को अपने बिना बिके पुराने स्टॉक पर नया एमआरपी (MRP) लिखना होगा। इसका मतलब है कि किसी भी उत्पाद की कीमत टैक्स घटने के अनुपात में कम की जाएगी। कंपनियों को इस संशोधित मूल्य को पुराने पैक पर स्टिकर, स्टैंप या प्रिंट के जरिए लिखने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, शर्त यह है कि पैक पर पुराना एमआरपी भी साफ-साफ दिखना चाहिए ताकि ग्राहकों को पहले और बाद की कीमत दोनों पता चल सकें।

कंपनियों को मिली समयसीमा

उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों को 31 दिसंबर 2025 तक या फिर स्टॉक खत्म होने तक संशोधित एमआरपी लिखने की छूट होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनियां मनमाने ढंग से कीमतें न तो बढ़ा सकती हैं और न ही जरूरत से ज्यादा घटा सकती हैं। बदलाव केवल टैक्स दर में हुई कटौती के हिसाब से ही होगा। इसके अलावा, कंपनियों को कम से कम दो बार अखबारों में विज्ञापन देना होगा और अपने डीलरों व संबंधित अधिकारियों को जानकारी साझा करनी होगी।

सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?

2017 में जीएसटी लागू होने के बाद कई कंपनियों पर आरोप लगे थे कि उन्होंने टैक्स घटने का फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया। उस समय नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) ने कई कंपनियों पर कार्रवाई भी की थी। इस बार सरकार शुरू से ही सख्ती बरत रही है ताकि कोई भी कंपनी टैक्स में कटौती का लाभ दबा कर न रखे। नए नियमों के चलते ग्राहकों तक सीधा फायदा पहुंचेगा और बाजार में पारदर्शिता बनी रहेगी।

उपभोक्ताओं को क्या होगा फायदा?
1. टैक्स कटने का सीधा लाभ ग्राहकों को मिलेगा और उत्पाद सस्ते होंगे।
2. कंपनियां अपने पुराने पैक बिना घाटे के संशोधित दामों पर बेच पाएंगी।
3. बाजार में कीमतों को लेकर किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी।
4. पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं के हित पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।

कंपनियों को भी मिली राहत

त्योहारों के सीजन में एफएमसीजी (FMCG) कंपनियों ने बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन किया है। खासतौर पर गिफ्ट पैक और त्योहारों से जुड़े उत्पादों का भारी स्टॉक तैयार किया गया है। अगर ये पुराने टैक्स रेट के आधार पर बिकते, तो बाजार में एक ही प्रोडक्ट के दो अलग-अलग दाम दिखाई देते, जिससे उपभोक्ता भ्रमित हो सकते थे। अब सरकार ने कंपनियों को दिसंबर 2025 तक पुराने स्टॉक को संशोधित कीमत के साथ बेचने की छूट देकर इस समस्या से बचाव कर लिया है।