एजेंसी, अबु धाबी
संयुक्त अरब अमीरात के अबु धाबी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने वाले मेहमानों के लिए भारतीय स्कूल के बच्चे पत्थरों को चित्रित कर रहे हैं। दरअसल, ये चित्रित पत्थर मेहमानों को उपहार के तौर पर दिया जाएगा। बच्चे तीन महीने से हर रविवार को मंदिर स्थल पर पत्थर सेवा कर रहे हैं। वे अब उपहारों को अंतिम रूप दे रहे हैं। इन चित्रित पत्थरों को छोटा खजाना नाम दिया गया है। 12 वर्षीय तिथि पटेल के लिए यह मनोरंजन का एक स्रोत है, जिसे वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर करती है। तिथि ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हम बचे हुए पत्थरों को उठाते हैं और उसे साफ करते हैं। फिर इसे पॉलिश करते हैं और इस पर प्राइमर की परत चढ़ाते हैं। इसके बाद इसमें रंग डाला जाता है। वहीं आठ वर्षीय रेवा करिया ने बताया कि वह इस रविवार को पत्थरों को उपहार के तौर पर गिफ्ट बॉक्स में भरकर रखी। उन्होंने इन उपहार के डिब्बों को छोटा खजाना नाम दिया है, क्योंकि इसे छोटे-छोटे बच्चों ने अपने हाथों से बनाया है। उन्होंने आगे कहा, यह पत्थर मोहमानों को इस भव्य मंदिर की उनकी पहली यात्रा को याद दिलाएगी। मेरे लिए यह टीमवर्क का अनुभव है। मैं अपने माता-पिता के साथ यहां आती हूं और वे भी मंदिर की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। 11 वर्षीय अविनाश ठाकुर ने बताया कि पत्थरों में की गई कलाकारी और पेंटिंग प्रेम, शांति और सद्भाव को दर्शाता है।
पीएम मोदी करेंगे अबु धाबी में मंदिर का उद्घाटन
बीएपीएस हिंदू मंदिर की स्थापना अबू मुरीखाह, दुबई-अबु धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास हुई है। यह मंदिर कुल 27 एकड़ में जमीन पर बना है। इस मंदिर का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था और मंदिर के लिए जमीन यूएई सरकार ने दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को आबू धाबी के बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर क उद्घाटन करेंगे। बता दें कि यह गल्फ देश में सबसे बड़ा बीएपीएस मंदिर है।