स्वयं को जानने की कला गुरु गोरखनाथ ने दुनिया को सिखाई: CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav  ) ने कहा-दुनिया के सभी देश, भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते हैं। भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीनकाल से चली आ रही सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है।

CM Mohan Yadav ने संत समारोह में किया संबोधित

मुख्यमंत्री ( CM Mohan Yadav ) रविवार को बुधनी तहसील के ग्राम जरार्पुर में आयोजित नाथ संप्रदाय के संत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य की आत्मा में परमात्मा विराजमान हैं। उन परमात्मा को जानने का सबसे सुगम माध्यम योग है। गुरू गोरखनाथ अपनी योग्यता एवं कुशलता से अपने जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों एवं विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेते थे। यह सत्य है कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है। मृत्यु से पहले अपने आप को जानने की कला गुरू गोरखनाथ ने दुनिया को सिखाई है। इस कार्यक्रम में यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे नहीं आ सके।

संत भृतहरी में चेतना जगाकर जीवन बदल दिया

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि भारत की भूमि पर ऐसे संत हुए है, जिन्होंने इस भूमि को अपनी जन-कल्याण की भावना से पावन किया है। गंगा अपना अमृत समान जिस प्रकार जल सभी प्राणियों को निस्वार्थ भाव से उनके कल्याण के लिए प्रदान करती है, उसी प्रकार संत अपने जीवन के सभी सुखों को त्याग कर सभी प्राणियों एवं समाज के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरू गोरखनाथ ने संत श्री भृतहरी के जीवन में आत्म चेतना को जगा कर उनका जीवन बदल दिया था। प्राचीनकाल से ही विश्व में अनेक संस्कृतियां रही हैं, पर समय के साथ अनेक संस्कृतियां विलुप्त हो गई पर भारत की सनातन संस्कृति अपनी मानव कल्याण की भावना के साथ सदैव अक्षुण बनी रही है।