गुरुग्राम राष्ट्रीय सम्मेलन में छाया, – “इंदौर का स्वच्छता मॉडल” बना आकर्षण का केंद्र

हरियाणा  के गुरुग्राम  लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में इंदौर नगर निगम ने एक बार फिर साबित किया कि क्यों वह देश का सबसे स्वच्छ शहर है। 3 और 4 जुलाई को गुरुग्राम में हुए इस दो दिवसीय भव्य आयोजन में इंदौर के स्वच्छता मॉडल और नवाचारों ने सबका ध्यान खींच लिया।
यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की गरिमामयी उपस्थिति में सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस दौरान देशभर से आए नगर निगमों के महापौर, आयुक्तों और प्रतिनिधियों के समक्ष इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने शहर की प्रभावशाली योजनाओं पर अपनी प्रस्तुति दी।

राष्ट्र निर्माण की भूमिका
यहां आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में “शहरी स्थानीय निकायों की संवैधानिक लोकतंत्र और राष्ट्र निर्माण में भूमिका” पर प्रजेन्टेंशन दिया।  इसका उद्देश्य था ऐसे समाधानों को साझा करना जो शहरी प्रशासन को और अधिक प्रभावशाली बना सकें। ताकि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकें।

इंदौर ने प्रस्तुत की प्रमुख योजनाएं
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर के विश्व-प्रसिद्ध स्वच्छता मॉडल के साथ ही तकनीक आधारित डिजिटल प्लेट प्रोजेक्ट सहित नागरिकों को साथ लेकर चलने वाले जनसहभागिता अभियान और पर्यावरण-संवेदनशील सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल को पेश किया। इसके साथ ही इको-फ्रेंडली इंदौर की ओर बढ़ते हरित पहल के कदम को मजबुत किया है। बता दें कि इंदौर नगर निगम द्वारा लगातार जो कदम शहर के हित में उठाए जा रहे है। इससे देशभर में इंदौर ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। इंदौर शहर की सफाई के मॉडल को अब तक कोई चुनौति नहीं दे पाया है। इसको लेकर पूरे देश के नगर निकाय तेजी से विकसित होते शहरों की सभी मुलभूत सुविधाएं कैसे पूर्ण करे इस पर तेजी से कार्य कर रही है।जिसमें इंदौर नगर निगम ने अपने कार्यो से सबसे आगे सतत अग्रसर हो रही है।

इन शहरों ने दिखाई अपनी उपलब्धि
राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन देश के अन्य प्रमुख शहर जैसे  भुवनेश्वर, कोयंबटूर, लखनऊ, पुणे, सूरत और विशाखापट्टनम के महापौर ने भी अपनी कार्यप्रणालियां प्रस्तुत कीं।  लेकिन इंदौर की झलक सबसे अलग और प्रेरणादायक रही। जिसकी सभी ने सराहना की। इसके साथ ही अन्य नगर निकायों ने इंदौर नगर निगम के मॉडलों को अपने शहरों में लागू करने की प्रेरणा ली। यह मंच इंदौर के अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ देश के अन्य नगरीय निकायों को नए विचारों से लैस करने का भी अवसर साबित हुआ।