इंदौर: भगवान श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी को आंजनेय और मारुति के नाम से भी जाना जाता है। भगवान हनुमान जी सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में एक हैं। वह भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। हनुमान जी के शहर में कई भक्त है, शहर स्थित उनके कई मंदिर है। इंदौर में भी हनुमान जन्मोत्सव पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के प्रसिद्ध और प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर में गुरुवार (6 अप्रैल) सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। हनुमान जन्मोत्सव के खास मौके पर भक्तों के मंदिर में अनोखा नजारा देखने को मिला। इस बार मंदिर की सजावट दक्षिण भारतीय शैली की थीम पर की गई है।
दक्षिण भारतीय शैली पर सजा मंदिर परिसर
हनुमान जन्मोत्सव के पर्व पर रणजीत हनुमान मंदिर को दक्षिण भारतीय शैली में सजाया है। मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही भक्तों का तिलक लगाकर स्वागत किया जा रहा है। लाइन में लगे भक्तों के लिए 48 कूलर के साथ ही ठंडे पानी व शरबत की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर के बाहर भी टेंट लगाए गए है, ताकि लाइन में लगने वाले भक्तों को धूप न लगे। मंदिर परिसर को 3 क्विंटल गेंदा के फूलों, 1 हजार बंच मधुकामिनी के फूलों और केले के पत्तों से सजाया गया है।
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साउथ इंडियन ड्रेस में नजर आए मंदिर के पुजारी
मंदिर के पुजारी और भक्त मंडल के सदस्य भी साउथ इंडियन ड्रेस में नजर आए। सभी सफेद मुंडु (लुंगी), सफेद शर्ट और सफेद गमछा डाले नजर आए। मंदिर सजाने का काम मथुरा-वृंदावन के कलाकारों द्वारा किया गया है। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर मंदिर परिसर में गेंदे के फूल, मधुकामिनी के फूल और केले के पत्तों की सजावट भी की गई है। इसके अलावा मंदिर को सजाने के लिए 400 मीटर कपड़ा, 8 हजार रनिंग फीट लकड़ी का भी इस्तेमाल किया गया है। हनुमान जन्मोत्सव होने से गुरुवार को सुबह से रात तक तीन बार विशेष शृंगार और आरती की जाएगी। सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तों का ताता लगा हुआ है।
भगवान के आसपास मंगल गिरी की सजावट
मंदिर परिसर में भगवान के श्रृंगार में दक्षिण भारतीय शैली नजर आई। भगवान के आसपास मंगल गिरी की सजावट की गई है। दक्षिण के कई मंदिरों में जिस तरह की सजावट देखने को मिलती है, उसी प्रकार यहां भी की गई है।
आरती में शामिल हुए हजारों भक्त
गुरुवार सुबह 6 बजे मंदिर में जन्मोत्सव आरती हुई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। भगवान को भोग अर्पित किया गया। ढोल की थाप और जय रणजीत के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। आरती के बाद भक्त खुशी में झूमते व नृत्य करते नजर आए।