नए Online गेमिंग कानून पर HC ने केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, विस्तृत में मांगा जवाब

Jabalpur News : बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग पर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। जिसमें रीवा निवासी क्लबबूम 11 स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ पुष्पेंद्र सिंह ने याचिका दायर करते हुए कहा कि – नया कानून फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे कौशल आधारित खेलों को भी जुए की श्रेणी में डालकर पूरे उद्योग को अवैध बना रहा है, जो कि संविधान के खिलाफ है।

याचिका कर्ता ने बताया कि 22 अगस्त को केंद्र सरकार ने जो नया ऑनलाइन गेमिंग कानून बनाया है, वो सही नहीं है। उनका कहना है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे Dream11 गेम्स को पहले ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कौशल आधारित खेल मानकर वैध घोषित किया है।

आपको बता दें कि इस कानून को मध्यप्रदेश के अलावा कर्नाटक और दिल्ली हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई है। इन अदालतों ने भी केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।  इस याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई की। जबलपुर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि – वे चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करें। अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी। 

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल जैन और एडवोकेट अंकित सक्सेना मौजूद थे। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि – सरकार ने केवल ऐसे ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाई, जो लोगो को 10 रूपए में 1 लाख जीतने जैसे लालच देकर लत लगाने वाले वाले खेल बना रहे थे। इनसे लोग बर्बाद हो रहे थे और कुछ मामलों में आत्महत्या तक कर चुके है।

बहरहाल, कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार से इस पर विस्तृत जवाब मांगा है।