head master पर हस्ताक्षर के बदले 5 हजार रुपए मांगने का आरोप

स्वतंत्र समय, गुना

गुना जिले के ग्राम मुरादपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय का मामला है, जहां उपस्थित हेडमास्टर ( head master ) वीरेंद्र जैन द्वारा आदिवासी महिलाओं के स्व सहायता प्रपत्र पर हस्ताक्षर के बदले 5 हजार रू. मांगने का आरोप है। स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बताया गया कि लगभग 20-25 दिन होने आ रहे हैं हम चक्कर लगा लगाकर परेशान है, और स्कूल के प्रिंसिपल हमको कोई ना कोई बहाना लगाकर चलता कर देते हैं। परेशानी से तंग आकर स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जिला कलेक्टर को एक शिकायती आवेदन दिया गया।

यह है पूरा मामला

समूह के अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा बैठक कर नये सदस्यों को मनोनीत कर स्व सहायता समूह का संचालन किया जाता है। इस हेतु आजीविका मिशन द्वारा जो प्रपत्र दिया गया है, उसमें सदस्यों का गठन करने के लिये ग्राम के सरपंच सचिव एवं विद्यालय के मुख्य अध्यापक के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं। इससे सरकारी योजना के संचालन हेतु एकत्र कर प्रपत्र पर सरपंच एवं सचिव महोदय द्वारा हस्ताक्षर कर दिये गये हैं, किन्तु मुख्य शासकीय प्राथमिक विद्यालय मुरादपुर के अध्यापक वीरेन्द्र जैन हस्ताक्षर नहीं कर रहे है। जिससे योजना के संचालन में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। विगत एक वर्ष से पालक शिक्षक संघ द्वारा मध्यान्ह भोजन वितरित किया जा रहा है, जिसमें मुख्य भूमिका वीरेन्द्र जैन की है पर वो स्वयं ही उसका संचालन वर्तमान में कर रहे हैं। वह समूह की हम समस्त आदिवासी महिलाओं को मध्यान्ह भोजन वितरित नहीं करने देना चाहते हैं। हम आदिवासी महिलायें पिछले 20-25 दिन से प्रपत्र पर हस्ताक्षर करवाने हेतु विद्यालय पहुंच रही है किन्तु दो तीन घंटे रोज प्रतीक्षा करने के पश्चात भी हमें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। मुख्य अध्यापक महोदय हस्ताक्षर करने मे टालमटूल कर रहे हैं। मुख्य अध्यापक महोदय ने यह शर्त रखी है कि जब उन्हे 5 हजार रु. रिश्वत के अदा किये जायेंगे तभी वो हस्ताक्षर करेगे। इस प्रकार उनके द्वारा अवैध राशि की मांग की जा रही है।

इनका कहना है

आपके द्वारा शिकायत मिली है, मामले की जांच कराते हुए शिकायत पर निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी।
-चंद्रशेखर सिसोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी, गुना

लगभग 25 वर्षों से एक ही जगह डटे हैं हेडमास्टर जैन

हेड मास्टर वीरेंद्र जैन शिकायतों के चलते पूर्व में भी सुर्खियों में रहे हैं। जानकारी के मुताबिक छुटभैया नेताओं एवं विभाग के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण उनके पांव पाताल तक पहुंच गए हैं, पूर्व में भी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी से कई बार शिकायतें की गई है, मगर कोई कार्यवाही नहीं होती, जिसके चलते इनकी मनमर्जी चरम पर है। जानकारी के मुताबिक लगभग 25 वर्षों से वह अपने मुरादपुर स्कूल प्राथमिक विद्यालय पर ही डटे हुए हैं। इस कारण श्रीमान् जी के समक्ष यह शिकाय करना आवश्यक हुआ है। मुख्य अध्यापक के हस्ताक्षर के अभाव में कार्यप्रणाली में अनावश्यक विलम्ब हो रहा है। स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हेड मास्टर वीरेंद्र जैन पर कड़ी कार्रवाई करनी की अपील की है।