सेहत से खिलवाड़, बिक रहीं घटिया दवाइयांः DGCI

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी ( DGCI ) ने दवाओं ( medicines  ) की जांच में पाया है कि 50 दवाइयां घटिया स्तर की बन रही है जो देश में हर जगह बिक रही है। लोग इसी घटिया दवा को खा रहे हैं जो दवाइयां घटिया निकली है उनमें पेरासीटामोल 500 एमजी, बीपी की दवा टेल्मीसारटन, कफटीन कफ सीरप, मिर्गी की दवा क्लोनाजेपेम, दर्द की दवा डिक्लोफेनेक, मल्टीविटामिन और कैल्शियम की दवा शामिल है। ये ऐसी दवाइयां हैं जिनका इस्तेमाल लाखों लोग करते हैं। अधिकांश लोग बुखार आने पर खुद ही पेरासिटामोल खरीद कर खा लेते हैं। डीजीसीआई ने कहा है कि ये दवाइयां बहुत ही निम्न स्तर की बन रही है। उधर, उज्जैन में बिक रही पैरासिटामोल घटिया पायी गयी है।

DGCI ने माना बालों में लगाने वाला हीना भी सही नहीं

डीजीसीआई ( DGCI ) ने अपनी रिसर्च में पाया कि बालों में लगाने वाला हीना भी सही नहीं मिल रहा है। यह भी घटिया स्तर का बन रहा है। कॉस्मेटिक केटगरी में शामिल हीना मेहंदी की गुणवत्ता बहुत खराब है। दवाओं की गुणवत्ता से संबंधित यह जांच ऐसे समय हुई है कि जब विदेश में भारतीय कफ सीरप से बच्चों की मौत भी सामने आई है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑगेर्नाइजेशन के मुताबिक, इन दवाओं के सैंपल मई में लिए गए थे। इन सैंपल को गुजरात के वाघोडिया, हिमाचल प्रदेश के सोलन, राजस्थान के जयपुर, उत्तराखंड के हरिद्वार, हरियाणा के अंबाला, आंध्र के हैदराबाद के साथ-साथ अन्य जगहों से लिए गए थे। जिस पेरासिटामोल को घटिया पाया गया है कि उसका सैंपल उज्जैन के अस्कोन हेल्थकेयर से लिया गया था। जब इस संबंध में कंपनी से बात की गई तो उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

ये दवाइयां भी शामिल

डीजीसीआई ने जिन दवाइयों को घटिया गुणवत्ता वाली सूची में डाला है। उनमें कॉन्स्टिपेशन के लिए लेक्टोलूज सॉल्यूशन, ब्लड प्रेशर के लिए टेलमिसाटन और अम्लोडिपाइन, ऑटो इम्यून डिजीज के लिए डेक्सामेथासोन सोडियम फॉस्फेट, गंभीर इंफेक्शन के लिए क्लोनाजेपाम टैबलेट जैसी जीवनरक्षक दवाइयां शामिल हैं। ड्रग सैंपल का परीक्षण केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की लेबोरेटरी में किया गया। फरवरी में डीजीसीआई के डायरेक्टर राजीव रघुवंशी ने राज्य सरकारों से लोकल मार्केट में बेची जा रही दवाइयों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा था। इसके साथ ही जांच का मंथली डाटेबस तैयार करने के लिए राज्यों को निर्देश दिए थे।