स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
कानपुर हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर नीरज कुमार ने तीन दवाएं बताई हैं जो हार्ट अटैक ( Heart attack ) में जान बचा सकती हैं। जिनकी कीमत 7 रुपए से ज्यादा नहीं है। हृदय रोग दुनियाभर में तेजी से बढ़ती समस्या है। गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है।
Heart attack से करीब एक तिहाई मौत होती हैं
2021 में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज ( सी.वी.डी ) के कारण 20.5 मिलियन ( दो करोड़ से अधिक ) मौतें हुईं, जो वैश्विक स्तर पर होने वाली सभी मौतों का लगभग एक तिहाई है। वहीं सीवीडी से होने वाली 85 प्रतिशत मौतों के लिए हार्ट अटैक ( Heart attack ) और स्ट्रोक को जिम्मेदार पाया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को हृदय स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। हाल के वर्षों में 20 से कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक से मौत के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। डॉक्टर कहते हैं, अगर किसी को हार्ट अटैक हो जाए तो समय पर लक्षणों की पहचान करके यदि सीपीआर दे दी जाए तो रोगी की जान बच सकती है। हार्ट अटैक की स्थिति में जान बचाने के लिए डॉक्टर ने एक और कारगर तरीके के बारे में जानकारी दी है जिसके बारे में जानना सभी लोगों के लिए जरूरी है।
हार्ट अटैक के बाद बचा सकते हैं रोगी की जान
हार्ट अटैक के बाद रोगी की जान कैसे बचाई जा सकती है, इस बारे में कानपुर हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर नीरज कुमार ने बड़ी जानकारी साझा की है। डॉक्टर ने दवाओं की एक ऐसी किट के बारे में बताया है जो हार्ट अटैक के समय में ‘संजीवनी’ साबित हो सकती है। डॉक्टर नीरज कहते हैं, किसी को हार्ट अटैक होने पर तुरंत तीन दवाएं दे दी जाएं तो उसकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ सकती है। ये दवाएं उसी तरह से काम करती हैं जैसे हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती होने पर दी जाने वाली दवाएं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
दवाओं के इस संयोजन को रामकिट नाम दिया गया है। डॉक्टर नीरज कहते हैं, हार्ट अटैक की स्थिति में रोगी को अस्पताल पहुंचाने में कम से कम 30-40 मिनट लग ही जाता है, ये समय काफी महत्वपूर्ण होता है। सभी लोगों को ये किट अपने पास रखनी चाहिए, जिससे इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत इसको लिया जा सके, कई मामलों में ये अस्पताल पहुंचते-पहुंचते रोगी के लक्षणों को ठीक भी कर सकती है।
कैसे लेनी होती हैं ये दवाएं?
डॉक्टर बताते हैं, हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तुरंत दो इकोस्प्रिन (ecosprin 75), एक रोसुवास्टेटिन ( rosuvastatin, 20 एमजी) खा लें। इसके बाद सोब्रिट्रेट ( sobritrate 5 एमजी) की टेबलेट को जीभ पर रखकर उसे चूसें। इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है। इन दवाओं की कीमत 6-7 रुपये होती है। यानी सात रुपये में आप अपनी जान बचा सकते हैं।
कैसे काम करती है ये दवा?
हार्ट अटैक की स्थिति में रक्त के थक्के बनने लगते हैं इकोस्प्रिन ब्लड थिनर के रूप में काम करती है और थक्कों को कम करने में मदद करती है। रोसुवास्टेटिन कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा है ये उस थक्के के प्रसार को रोकती है। वहीं सोब्रिट्रेट को चूसने से ये इंजेक्शन की तरह काम करती है और नसों को खोलने में मदद करती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को अपने पास ये दवा जरूर रखनी चाहिए। हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में ये बड़े काम की साबित हो सकती है।