स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र में इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल से जून तीन महीने तापमान ज्यादा रहेगा। वहीं इस बार 20 दिनों तक हीटवेव ( heat wave ) की संभावना जताई गई, जो अमूमन 8 दिनों तक रहती है। अगले हफ्ते तापमान 2 से 5 डिग्री तक बढ़ सकता है। अप्रैल-जून के दौरान भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक लू चलेगी। मप्र में गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। मौसम विभाग भोपाल के वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि अब प्रदेश के कई जिलों में हीट वेव का असर भी रहेगा। गुना, शिवपुरी, छतरपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर, जबलपुर, मंडला और बालाघाट में अगले 1-2 दिन तक तक हीट वेव, यानी गर्म हवाएं भी चलेंगी। मौसम विभाग के अनुसार- 2 अप्रैल की रात और 5 अप्रैल को उत्तर भारत में दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होंगे। इसके दो से 3 दिन बाद मप्र में इनका मामूली असर हो सकता है। कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं। इसके बावजूद गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।
heat wave फसलों पर असर
तापमान में बढ़ोत्तरी या हीट वेव ( heat wave ) से गेहूं की तैयार फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मप्र में इस समय तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और अगले सप्ताह 42 डिग्री तक जाने की संभावना है। चूंकि राज्य में गेहूं की कटाई का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। गेहूं की फसल अक्टूबर में बोई जाती है वहीं कटाई अप्रैल के आसपास शुरू होती है। भारत ने 2022-23 के दौरान 1,105.5 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन किया। इसमें से उत्तर प्रदेश का हिस्सा 30.40 प्रतिशत, मप्र का 20.56 प्रतिशत, पंजाब का 15.18 प्रतिशत, हरियाणा का 9.89 प्रतिशत और राजस्थान का 9.62 प्रतिशत था।
हवाएं बन जाती हैं heat wave
भारत में जब किसी मैदानी क्षेत्र का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुंच जाता है तो इसे हीटवेव ( heat wave ) की स्थिति माना जाता है। इसके अतिरिक्त सामान्य तापमान से 7 डिग्री सेल्सियस अथवा उससे अधिक की बढ़ोत्तरी को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है।