मध्य प्रदेश इन दिनों लगातार बदलते मौसम के प्रभाव में है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है, जिससे आसमान पर घने बादल छाए हुए हैं और प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। वातावरण में नमी बढ़ने के कारण अधिकतम तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ठंडी हवाओं के चलते सुबह और शाम में दिसंबर जैसी ठंडक महसूस की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो से तीन दिन तक यह बरसाती और ठंडी हवा वाला मिजाज यूं ही बना रहेगा।
कई जिलों में गिरा तापमान, शिवपुरी सबसे ठंडा रहा
गुरुवार को प्रदेश के कई हिस्सों में दिन और रात के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। शिवपुरी में रात का पारा सबसे कम 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि दिन का सबसे कम तापमान दतिया में 22.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। कुल 16 शहरों में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, जो इस मौसम के लिए असामान्य रूप से कम है। लगातार बादल छाए रहने और बारिश के चलते दिन में भी ठंडी हवाएं महसूस की गईं। कई इलाकों में लोगों ने जैकेट और स्वेटर निकाल लिए हैं।
कई जगहों पर हुई हल्की से मध्यम बारिश, तापमान में और गिरावट
गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक कई शहरों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। दतिया में 36 मिमी, जबलपुर में 33 मिमी, मलाजखंड में 19 मिमी, गुना में 16 मिमी, मंडला में 12 मिमी, छिंदवाड़ा में 7 मिमी, जबकि सिवनी और सतना में 4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पचमढ़ी, शिवपुरी और सागर में 2 से 3 मिमी तथा टीकमगढ़, नौगांव, दमोह, खजुराहो और नरसिंहपुर में लगभग 1 मिमी बारिश हुई। इन इलाकों में दिनभर हल्की ठंडी हवाओं के साथ बारिश का क्रम बना रहा।
तीन बड़े सिस्टम एक साथ सक्रिय — मौसम विभाग का अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में तीन प्रमुख मौसम प्रणालियां (Weather Systems) सक्रिय हैं। पहला, चक्रवाती तूफान मोंथा का अवशेष अब गहरे कम दबाव वाले क्षेत्र में बदलकर पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आसपास सक्रिय है। दूसरा, पूर्वी-मध्य अरब सागर पर एक लो प्रेशर ज़ोन बना हुआ है। तीसरा, दक्षिणी हरियाणा और राजस्थान के ऊपरी हिस्से में एक वायु चक्रवात विकसित हुआ है। इन तीनों के संयुक्त प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में वर्षा और ठंडी हवाओं की स्थिति बनी हुई है।
पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना, कई जगह भारी वर्षा के संकेत
मौसम वैज्ञानिक पी.के. रायकवार के अनुसार, शुक्रवार को पूरे मध्य प्रदेश में बारिश के आसार हैं। वहीं, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभागों में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा भी हो सकती है। इससे खेतों में नमी बढ़ेगी और फसलों को फायदा पहुंचेगा, लेकिन कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी बन सकती है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर — दोनों दिशाओं से नमी मिलने के कारण बादलों की घनत्व बनी हुई है। यही वजह है कि अक्टूबर के अंत में प्रदेश में सर्दी का शुरुआती एहसास देखने को मिल रहा है।
दिसंबर जैसी ठंड और आगे का पूर्वानुमान
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल पूरे राज्य में हल्की से मध्यम वर्षा का सिलसिला अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगा। इस दौरान ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। तीन नवंबर से नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय होने जा रहा है, जिसका असर मध्य भारत तक देखने को मिलेगा। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार नवंबर की शुरुआत से ही ठंडक का असर बढ़ जाएगा और प्रदेश में जल्दी सर्दी पड़ने की संभावना है।