आज के दौर में लगभग हर नौकरीपेशा इंसान के पास क्रेडिट कार्ड है। महीने के आखिरी दिनों में पैसों की कमी हो या अचानक किसी बड़े खर्च की जरूरत पड़ जाए, क्रेडिट कार्ड तुरंत सहारा बन जाता है। लेकिन अक्सर लोग इस कार्ड का इस्तेमाल केवल खुद के लिए ही नहीं, बल्कि दोस्तों और करीबियों की मदद के लिए भी करते हैं। यही आदत भविष्य में इनकम टैक्स विभाग की नजर में संदेह पैदा कर सकती है।
दोस्ती निभाने का तरीका बन सकता है मुसीबत
अक्सर देखा जाता है कि लोग दोस्ती में मदद करने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड से फ्लाइट टिकट बुक कर देते हैं, ऑनलाइन खरीदारी कर देते हैं या किसी जरूरी बिल का भुगतान कर देते हैं। इसके बाद दोस्त उन्हें UPI, बैंक ट्रांसफर या नकद के जरिए पैसे लौटा देते हैं। यही लेन-देन इनकम टैक्स विभाग के लिए सवाल खड़े कर सकता है।
टैक्स विभाग इसे ‘कमाई’ मान सकता है
अगर बार-बार आपके खाते में दोस्तों की ओर से पैसे ट्रांसफर हो रहे हैं, तो टैक्स विभाग यह मान सकता है कि यह आपकी आय है। खासकर तब, जब रकम बड़ी हो या इस तरह के लेन-देन लगातार हो रहे हों। ऐसे में विभाग यह पूछ सकता है कि आखिर ये पैसे आपके खाते में क्यों आ रहे हैं और किस आधार पर? यानी, बिना सोचे-समझे की गई मदद आपको टैक्स झंझट में डाल सकती है।
एक उदाहरण से समझें
मान लीजिए आपने अपने दोस्त के लिए 50 हजार रुपए का स्मार्टफोन अपने क्रेडिट कार्ड से खरीदा। कुछ दिन बाद दोस्त ने आपको UPI के जरिए वही 50 हजार रुपए लौटा दिए। एक-दो बार तक यह सामान्य लग सकता है, लेकिन अगर बड़ी रकम बार-बार इसी तरीके से घूमती है, तो इनकम टैक्स विभाग को शक हो सकता है कि यह आपकी नियमित आय है।
टैक्स नियम क्या कहते हैं?
नियमों के मुताबिक, अगर एक वित्तीय वर्ष में आपके क्रेडिट कार्ड से किए गए खर्च 10 लाख रुपए से अधिक हो जाते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी सीधे इनकम टैक्स विभाग को भेजता है। वहीं अगर आप 1 लाख रुपए से ज्यादा नकद में क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाते हैं, तो यह भी विभाग को संदेहास्पद लगता है। ऐसे मामलों में जांच और पेनल्टी की संभावना बढ़ जाती है।
टैक्स विवाद से बचने के उपाय
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का मानना है कि दोस्तों की मदद करने में हर्ज नहीं, लेकिन इसके लिए सावधानी जरूरी है।
- सभी लेन-देन का बैंकिंग रिकॉर्ड रखें।
- नकद लेने से बचें और हमेशा UPI, NEFT या IMPS का ही इस्तेमाल करें।
- बार-बार बड़े लेन-देन करने से बचें, क्योंकि इससे टैक्स विभाग इसे बिजनेस गतिविधि समझ सकता है।
- बड़ी रकम के मामलों में बेहतर होगा कि आप और आपके दोस्त के बीच एक लिखित एग्रीमेंट बना लें। यह दस्तावेज साबित करेगा कि यह महज मदद है, आय नहीं।