Hemant Soren Oath Ceremony : हेमंत सोरेन 28 नवंबर को चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। यह शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में शाम 4 बजे आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यह समारोह झारखंड की झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और इसे INDIA ब्लॉक के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां
हेमंत सोरेन ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “कल होने वाले अबुआ सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया और उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।” उन्होंने सुनिश्चित किया है कि समारोह स्थल तक पहुंचने और वाहनों की पार्किंग के लिए प्रभावी व्यवस्थाएं हों, जिससे किसी को कोई परेशानी न हो। कार्यक्रम स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक उपस्थिति और भव्यता
- शक्ति प्रदर्शन का मंच: शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के कई शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उपस्थित रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
- गठबंधन का प्रतिनिधित्व: हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस और राजद के एक-एक मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
- जनसमूह: समारोह में झारखंड के विभिन्न हिस्सों से करीब 50,000 लोगों के जुटने की संभावना है। मैदान को भव्य रूप से सजाया जा रहा है ताकि यह अवसर ऐतिहासिक बन सके।
प्रशासनिक तैयारियां और सुरक्षा
राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का गहन समीक्षा की। रांची के उपायुक्त वरुण रंजन और एसएसपी चंदन सिन्हा ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की निगरानी करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अतिथियों के प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत पालन हो।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए पूरे क्षेत्र को विशेष सुरक्षा घेरे में रखा गया है। समारोह स्थल के आसपास यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है।
झामुमो गठबंधन की सफलता
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 81 सीटों में से 56 सीटें जीती थीं। इसके विपरीत, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को केवल 24 सीटों पर संतोष करना पड़ा। यह जीत गठबंधन के लिए एक मजबूत जनादेश का प्रतीक है।
पिछला शपथ ग्रहण
इससे पहले हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को भी मोरहाबादी मैदान में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस बार भी उसी स्थान को चुनकर इसे ऐतिहासिक बनाने की कोशिश की जा रही है।
हेमंत सोरेन का चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालना उनके राजनीतिक करियर और झारखंड की राजनीति में एक अहम पड़ाव है। यह शपथ ग्रहण समारोह न केवल राज्य के लिए एक बड़ा आयोजन है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के प्रदर्शन का भी एक महत्वपूर्ण अवसर बनेगा।