योग गुरू बाबा रामदेव को सभी जानते है। लेकिन पिछले कुछ सालों से बाबा रामदेव ने बिजनेस में अपनी पकड़ बना ली है। इनकी पंतजलि नाम की कंपनी कई तरह के उत्पाद बना कर उसे प्राकृतिक चीजो से बनाने का दांवा करती है। अब बाबा रामदेव गर्मी का सीजन आते ही हमदर्द कंपनी के पीछे पड़ कर हिंदू-मुस्लिम पत्ता खेलनें मे लग गए है। जिसकों लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में माहौल गरमा गया जब योग गुरु बाबा रामदेव के विवादित बयान – “शरबत जिहाद” – को लेकर सुनवाई हुई। यहां कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव पर “किसी का नियंत्रण नहीं हैं वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं।” साथ ही कोर्ट ने इसे कोर्ट की अवमानना मानते हुए दोषी करार देते हुए सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी करने वाली है।
कोर्ट की चेतावनी को किया नजरअंदाज
हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को बाबा रामदेव को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वे हमदर्द कंपनी के उत्पादों को लेकर कोई भी बयान या वीडियो जारी न करें। बावजूद इसके, उन्होंने फिर से एक वीडियो साझा कर रूह अफजा के खिलाफ टिप्पणी कर दी। जस्टिस अमित बंसल ने नाराजगी जताते हुए कहा, “यह स्पष्ट रूप से कोर्ट की अवमानना है।”
‘शरबत जिहाद’ पर बवाल
मामला तब गर्माया जब बाबा रामदेव ने पतंजलि के अपने गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया कि हमदर्द के उत्पादों से कमाया गया पैसा मदरसे और मस्जिद बनाने में लगाया जाता है। उन्होंने इसे ‘शरबत जिहाद’ करार दिया। इस पर हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने रामदेव और पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ याचिका दाखिल की।
हमदर्द को उठा बाबा की बात से दर्द
बाबा रामदेव के बयान के बाद हमदर्द कंपनी को बहुत तकलीफ हो गई और हमदर्द कंपनी के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा, “यह सिर्फ अपमान नहीं, बल्कि सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश है। यह भाषण नफरत से भरा हुआ है। रामदेव को अपने उत्पाद बेचने हैं तो बेचें, हमें क्यों निशाना बना रहे हैं?” कोर्ट ने रामदेव के वकील से अगली सुनवाई में निर्देश लेकर पेश होने को कहा है।