High Court की सख्ती से नर्सिंग काउंसिल पर नया संकट, सीएम तक पहुंची बात

स्वतंत्र समय, भोपाल

विवादों में घिरे मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल पर एक बार फिर संकट खड़ा हो गया है। हाईकोर्ट ( High Court ) ने नर्सिंग कालेज घोटाले पर सुनवाई के दौरान काउंसिल की रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। अदालत का आदेश आते ही कांग्रेस का छात्र संगठन सक्रिय हो गया है। एनएसयूआई ने रजिस्ट्रार अनीता चांद को पद से हटाकर जांच करने की मांग मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से की है।

High Court में नर्सिंग कालेजों की मान्यता पर थी सुनवाई

जानकारी के अनुसार नर्सिंग कालेजों को मान्यता के नाम पर हुए घोटालों से जुड़ी याचिकाओं पर गुरूवार को हाईकोर्ट ( High Court ) में सुनवाई थी। इसमें काउंसिल की वर्तमान रजिस्ट्रार अनीता चांद द्वारा भोपाल के एक कालेज को वर्ष 2022-23 की मान्यता दिलाने से जुड़ा मामला भी शामिल था। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है। अदालत के इस आदेश से नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार की मुश्किलें बढऩा तय मानी जा रही है। वैसे भी घोटाला उजागर होने के बाद सरकार दो रजिस्ट्रार बदल चुकी है। जांच शुरू होने के पहले ही अब तीसरी रजिस्ट्रार को भी हटाया जा सकता है।

इस मामले में होना है जांच

वर्ष 2022-23 की मान्यता के लिए भोपाल के एक कालेज के लिए बनी निरीक्षण टीम में अनीता चांद भी शामिल थीं। कालेज में सुविधाएं न होने के बाद भी उन्होंने अपनी रिपोर्ट में उसे सुटेबल बताया था। बाद में हाईकोर्ट द्वारा कराई गई जांच में यह कॉलेज भी अयोग्य निकला था। इसे अनदेखा कर सरकार द्वारा अनीता चांद को रजिस्ट्रार बनाते ही एनएसयूआई ने विरोध जताते हुए याचिका दायर की थी। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने अदालत के आदेश को आधार बनाकर रजिस्ट्रार चांद को हटाने की मांग की सीएम यादव से की है। सीएम को लिखे पत्र में छात्र नेता ने आरोप को गंभीर बताया है। साथ ही कहा है कि रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए वह जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं और काउंसिल के दस्तावेजों में छेड़छाड़ या उन्हें गायब करवाने की संभावना भी बनी रहेगी। निष्पक्ष जांच के लिए रजिस्ट्रार चांद को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।