स्वतंत्र समय, इंदौर
भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा ने हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए हाई कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस ( Retired Judge ) ईश्वर सिंह श्रीवास्तव द्वारा गठित कमेटी को भी धोखा दिया है। चंपू अजमेरा पर जमीन धोखाधड़ी के कई केस दर्ज होने पर भी और सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत होने के बाद भी उनकी गतिविधियों में भी कोई बदलाव नहीं किया। इस कमेटी का उद्देश्य तीन विवादित कॉलोनियों, फीनिक्स, सैटेलाइट, और कालिंदी के लोगों की समस्याओं का समाधान करना था।
Retired Judge की कमेटी से बजाज ने की थी शिकायत
फीनिक्स कॉलोनी के पीडि़त हरीश कुमार बजाज ने रिटायर्ड जस्टिस ( Retired Judge ) श्रीवास्तव की कमेटी के सामने अपनी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उन्होंने फीनिक्स कंपनी से एक प्लॉट बुक कराया था, लेकिन कब्जा नहीं मिला। कमेटी के आदेश पर, उनकी शिकायत का समाधान किया गया और उन्हें प्लॉट क्रमांक 388 का कब्जा 10 जुलाई 2023 को मिला। उन्होंने प्लॉट पर कब्जा लिया और इसकी प्रमाणिकता के रूप में फोटो भी खींची, और इसके साथ हाई कोर्ट के आदेश की प्रति भी दी। इस समझौते का पत्र सेवानिवृत्त न्यायिक और समिति प्रमुख श्रीवास्तव के हस्ताक्षर के साथ तैयार किया गया। लसूडिय़ा थाने से उन्हें नोटिस मिला है कि वे सहकारी संस्था की जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं। बजाज को एक समय राहत मिली थी जब उन्हें अपने प्लॉट का कब्जा मिला। हालांकि, हाल ही में लसूडिय़ा थाने से उन्हें नोटिस मिला है कि वे क्लासिक गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं। संस्था के सीएस त्यागराजन ने थाने में शिकायत की है। जब बजाज थाने गए, तो उन्होंने बताया कि उन्हें न्यायिक समिति और हाईकोर्ट की मंजूरी के साथ प्लॉट मिला है।
चंपू अजमेरा ने इस जमीन को कभी नहीं खरीदा
हालांकि, पुलिस ने उन्हें सूचित किया कि चंपू अजमेरा ने इस जमीन को कभी नहीं खरीदा है और यह जमीन संस्था की संपत्ति है। चंपू, हैप्पी धवन, और अन्य भूमाफिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सशर्त जमानत पर हैं, क्योंकि उनके ऊपर धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2021 में उन्हें सशर्त जमानत दी, जिसके शर्त थी कि वे तीनों कॉलोनियों के पीडि़तों का समाधान करेंगे।
जिला प्रशासन ने बताया कि मामले का अभी निपटारा नहीं हुआ
जिला प्रशासन ने एक कमेटी गठित की और मामले को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन भूमाफियाओं ने सहयोग नहीं किया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट में चला गया, लेकिन जिला प्रशासन ने बताया कि मामले का अभी भी निपटारा नहीं हुआ है। हाईकोर्ट ने मई 2023 में रिटायर्ड जस्टिस श्रीवास्तव की कमेटी गठित की, जिसने जुलाई तक सुनवाई की, और कुछ लोगों को प्लॉट पर कब्जा मिला। अगस्त 2023 में कमेटी की रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी और अब कॉलोनीवार दर्ज एफआईआर की सुनवाई हाईकोर्ट में जारी है। भू-माफिया अब भी सशर्त जमानत पर हैं, जिसे प्रशासन ने रद्द करने के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शर्त का उल्लंघन किया है, जिसके कारण जमानत रद्द होनी चाहिए। इस मुद्दे पर अभी भी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है।