आवारा कुत्तों के मुद्दे पर हाईकोर्ट सख्त, नसबंदी में लापरवाही पर नगर निगम को लगाई फटकार

उच्च न्यायालय ने शहर में तेजी से बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगम को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि नसबंदी कार्यक्रम की रफ्तार धीमी है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।

सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि निगम ने पिछले महीनों में नसबंदी लक्ष्य हासिल नहीं किया। न्यायाधीशों ने इस स्थिति पर असंतोष जताते हुए अधिकारियों से स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा।

अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि लंबे समय से आवारा कुत्तों से संबंधित शिकायतें बढ़ रही हैं, जबकि प्रशासनिक स्तर पर ठोस सुधार दिखाई नहीं देता।

निगरानी और रिपोर्टिंग पर सख्ती

न्यायालय ने निर्देश दिया कि नगर निगम आगामी सुनवाई में विस्तृत प्रगति रिपोर्ट पेश करे, जिसमें अब तक की कार्रवाई, संसाधनों की उपलब्धता और आगामी महीनों की समयबद्ध योजना शामिल हो। अदालत ने कहा कि यदि सुधार नहीं दिखा, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पिछली कार्यवाहियों का संदर्भ

पुरानी सुनवाईयों में भी निगम को नसबंदी अभियान तेज करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अदालत के अनुसार जमीनी स्तर पर अपेक्षित परिवर्तन नहीं हुआ। इस बार न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है, इसे शिथिलता से नहीं लिया जा सकता।

अदालत ने अधिकारियों को सभी वार्डों में त्वरित सर्वे कराने, पशु चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने और अभियान को नियमित रूप से मॉनिटर करने के निर्देश दिए हैं। आगे की सुनवाई में अदालत निगम की प्रगति का मूल्यांकन करेगी।