मतदाता-सूची अनियमितताओं पर कसा शिकंजा, High Court ने सभी अधिकारियों को किया तलब

मध्यप्रदेश में मतदाता-सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर उठे विवाद के बीच उच्च न्यायालय ने बड़ा कदम उठाते हुए मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग, इंदौर कलेक्टर और इंदौर नगरीय क्षेत्र के सभी SDM को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस “SIR” कार्यक्रम के चलते मतदाता-सूची संशोधन को निरस्त करने की मांग पर दायर याचिका के संदर्भ में जारी किया गया है, जिसमें शासन द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जवाब को अदालत ने अस्वीकार कर दिया।

मतदाता-सूची पुनरीक्षण पर सवाल, सरकार का जवाब खारिज

26 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला और न्यायमूर्ति बिंदु कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने बताया कि मतदाता-सूची में संशोधन के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के 16 नगर निगमों और 417 पंचायतों में पुनरीक्षण कार्य किए जा रहे हैं। इसी प्रक्रिया को चुनौती देते हुए पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी के माध्यम से याचिका दाखिल की थी।

पिछली सुनवाई 17 नवंबर 2025 को अदालत ने कई गंभीर अनियमितताओं पर प्रश्न उठाए थे—

  • मतदाता-सूची में हजारों मतदाताओं के पते भवन क्रमांक “0” दर्ज होना
  • अपात्र BLO से कार्य करवाना
  • 1,200 से कम संख्या वाले क्षेत्रों में 1,761 मतदान केंद्र बनाए जाना
  • नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 और नगर निगम अधिनियम 1960 के नियमों में विरोधाभास
  • इन बिंदुओं पर शासन से विस्तृत जवाब मांगा गया था, लेकिन बुधवार को अदालत में प्रस्तुत प्रारंभिक जवाब को न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया।

निर्वाचन आयोग और SDM से विस्तृत स्पष्टीकरण की मांग

याचिका में शामिल अन्य प्रतिवादियों—मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग, कलेक्टर इंदौर और सभी SDM—ने विस्तृत जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अदालत ने सभी को नोटिस जारी करते हुए 6 सप्ताह का समय दिया है। अब अगली सुनवाई जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में होगी, जिसमें विस्तृत उत्तर प्रस्तुत करने होंगे।