चीन में HMPV वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस जानलेवा वायरस की वजह से चीन के कई राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। स्थिति इतनी गंभीर है कि अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग गई है और चाइल्ड वॉर्ड मरीजों से भर गए हैं। खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों में यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। चीन के कई इलाकों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एक बार फिर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का दौर लौट आया है।
उत्तरी चीन में हालात सबसे खराब
उत्तरी चीन में HMPV वायरस ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। यहां एयरपोर्ट और सार्वजनिक स्थानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग संक्रमित हो रहे हैं, और अस्पतालों के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं। चीन के वायरोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. लिन जियाजू का कहना है कि यह वायरस, जो पहले सामान्य श्वसन संक्रमण का कारण था, अब गंभीर मामलों और मौतों का कारण बन रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों की कमजोर इम्युनिटी और वायरस के म्यूटेशन ने इस बार स्थिति को और भयावह बना दिया है।
इंग्लैंड और हॉन्ग कॉन्ग में भी तेजी से फैल रहा है वायरस
चीन के अलावा इंग्लैंड और हॉन्ग कॉन्ग में भी श्वसन संबंधी बीमारियों में तेजी देखी जा रही है। इंग्लैंड में फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के आंकड़ों के अनुसार, फ्लू के मरीजों की संख्या एक महीने में चार गुना बढ़ गई है। हॉन्ग कॉन्ग में भी HMPV वायरस ने पैर पसार लिए हैं, जहां अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं।
क्या है HMPV वायरस?
HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस) एक RNA वायरस है, जो फ्लू की तरह फैलता है। इसके लक्षण कोरोना वायरस से काफी हद तक मिलते-जुलते हैं। इसमें खांसी, तेज बुखार, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और नाक बंद होना शामिल है। यह वायरस खासतौर पर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है। अस्थमा और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए यह वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
कैसे फैलता है HMPV वायरस?
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। संपर्क में आने पर यह तेजी से संक्रमण का कारण बनता है। सर्दियों में इसके फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
HMPV वायरस से बचने के उपाय
- नियमित रूप से हाथ धोना।
- सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना।
- मास्क पहनना अनिवार्य करना।
- लक्षण दिखने पर तुरंत आइसोलेट होना।
- डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना।
चीन पर HMPV वायरस की गंभीरता को छिपाने के आरोप लग रहे हैं। यह दावा किया जा रहा है कि चीन इस बीमारी को सामान्य सर्दी-जुकाम बताने की कोशिश कर रहा है। यहां तक कि विदेशी यात्राओं को भी सुरक्षित बताया जा रहा है। चीन की इस चुप्पी से पड़ोसी देशों में भी डर फैल रहा है।
WHO की भूमिका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस पर नजर बनाए रखने और इसके म्यूटेशन पर निगरानी रखने का दावा किया है। हालांकि, अभी तक HMPV को लेकर कोई ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित नहीं की गई है।
किन देशों में फैला है HMPV वायरस?
HMPV वायरस अब तक कई देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है, जिनमें नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन शामिल हैं।
HMPV वायरस का इतिहास
HMPV वायरस नया नहीं है। यह पिछले 60 वर्षों से मौजूद है। पहली बार 2001 में इसे नीदरलैंड्स में पहचाना गया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है और सभी मौसमों में हवा में मौजूद रहता है। हालांकि, सर्दियों में इसका संक्रमण तेजी से फैलता है।