स्वतंत्र समय, भोपाल
मलेशिया और चीन के बाद भारत में एचएमपीवी वायरस ( HMPV virus ) के 11 मामले सामने आए हैं, जिससे सोमवार को यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहा। एम्स भोपाल ने एचएमपीवी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुरक्षा अलर्ट जारी करते हुए जागरूकता के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।
HMPV virus के फैलाव को रोकने जागरुकता
एम्स ने वायरस ( HMPV virus ) के फैलाव को रोकने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों और सांस लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उनके लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है। उधर, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग को वायरस की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। एम्स ने भीड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना जरूरी कर दिया है।
ऐसे फैलता है एचएमपीवी वायरस
एम्स भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. देवाशीष विश्वास ने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली श्वसन बूंदों से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने या दूषित सतहों को छूने के बाद आंख, नाक या मुंह को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। एचएमपीवी के सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट और थकान शामिल हैं। कभी-कभी यह निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस भी पैदा कर सकता है। सामान्य रूप से स्वस्थ लोग बिना किसी समस्या के ठीक हो जाते हैं, लेकिन छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा, हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीडि़त लोगों के लिए यह वायरस ज्यादा खतरनाक हो सकता है।