Holika Dahan 2025 Niyam: हिंदू धर्म में होली को रंगों का नहीं बल्कि मान्यताओं और परंपराओं का भी विशेष पर्व माना जाता है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तजन लकड़ियों की अग्नि प्रज्वलित कर उसमें नारियल, उपले की माला, तिल आदि आहुति के रूप में अर्पित करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह प्रक्रिया नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का प्रतीक होती है। इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च को मनाया जा रहा है। हालांकि, ध्यान रखना चाहिए कि कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिन्हें होलिका दहन में डालना अशुभ माना जाता है, और ऐसा करना परेशानी या दोष का कारण बन सकता है। इसलिए परंपराओं और शास्त्रीय निर्देशों के अनुसार ही सामग्री का चयन करना चाहिए।
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च की रात 11:27 बजे से शुरू होकर 14 मार्च की रात 12:30 बजे तक रहेगा, जिसमें लगभग 1 घंटा 40 मिनट का विशेष समय शुभ माना गया है। होलिका दहन करते समय शुभ मुहूर्त और दिशा का विशेष ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि होलिका की अग्नि उत्तर दिशा की ओर जलाई जाए तो यह देश, समाज और परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देती है। होलिका दहन से पहले कलावा (मौली) को होलिका के चारों ओर लपेटते हुए 5 से 7 बार उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। इसके बाद जौ या अक्षत (चावल) को अग्नि में अर्पित करना शुभ और फलदायक माना जाता है। यह परंपरा नकारात्मकता को दूर कर जीवन में शुभता लाने का प्रतीक मानी जाती है।
होलिका दहन एक पवित्र अग्नि संस्कार है, जिसे शुद्धता, श्रद्धा और मान्यताओं के अनुसार किया जाता है। यदि इसमें कुछ गलत चीजें अर्पित कर दी जाएं, तो न केवल इसका धार्मिक महत्व घटता है, बल्कि ग्रहों की अशांति और पर्यावरण हानि भी हो सकती है। आइए जानते हैं होलिका दहन की अग्नि में किन चीजों को नहीं डालना चाहिए:
1. गीला नारियल (पानी वाला नारियल)
• क्यों नहीं डालें: इसे चढ़ाने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब हो सकती है।
• विकल्प: केवल सूखा नारियल ही चढ़ाएं।
2. गंदे कपड़े, टायर, प्लास्टिक आदि
• क्यों नहीं डालें: यह होलिका माता का तिरस्कार माना जाता है और यह पर्यावरण के लिए भी बेहद हानिकारक है।
• विकल्प: स्वच्छ और परंपरागत सामग्री जैसे गोबर के उपले, आम की लकड़ी आदि ही उपयोग करें।
3. टूटा-फूटा फर्नीचर या लकड़ी
• क्यों नहीं डालें: इससे शनि, राहु और केतु का अशुभ प्रभाव बढ़ता है।
• विकल्प: पवित्र और साफ-सुथरे लकड़ी के टुकड़े ही अर्पित करें।
4. मीठे पकवान या गुजिया (तीन से अधिक ना हो)
• क्यों नहीं डालें: अधिक मात्रा में अर्पण करने से यह अशुभ फल दे सकता है।
• विकल्प: अगर अर्पण करें तो तीन से कम ही मीठी चीजें चढ़ाएं।
5. सूखी गेहूं की बालियां और सूखे फूल
• क्यों नहीं डालें: इससे होलिका दहन का शुभ फल नहीं मिलता, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है।
• विकल्प: हरी और ताजी चीजें जैसे आम की डाली या ताजे फूल चढ़ाएं।