देवी अहिल्या बाई होलकर की पावन नगरी महेश्वर और मण्डलेश्वर, दोनों ही अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। पूरे देश में देवी अहिल्या बाई की 300वीं जन्म जयंती मनायी जा रही है। इस उपलक्ष्य में संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की पहल पर आज 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर खरगोन जिले के धार्मिक स्थल महेश्वर तथा मंडलेश्वर के सम्पूर्ण मंदिर क्षेत्र को तम्बाकू मुक्त बनाये जाने का निर्णय लिया गया है।
संभागायुक् दीपक सिंह ने कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन को निर्देशित किया है कि महेश्वर, मंडलेश्वर के सम्पूर्ण मंदिर क्षेत्र यथा मंदिर, किला परिसर, घाट, पार्किंग, प्रसाद काउंटर, टिकिट काउंटर, अन्न क्षेत्र इत्यादि में किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थ (सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, हुक्का, इलेक्ट्रानिक सिगरेट व जर्दा इत्यादि) का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाये। इन स्थलों पर यदि कोई भी श्रद्धालु एवं समस्त कर्मचारी इत्यादि उक्त नियम का उत्लंघन करते हैं तो उल्लंघन कर्ताओं पर नियमानुसार कार्रवाई की जाये। साथ ही महेश्वर, मंडलेश्वर के संपूर्ण मंदिर क्षेत्र में सुनिश्चित करें कि किसी भी रूप में कोई तम्बाकू उत्पादों का सेवन ना करें। तम्बाकू नियंत्रण हेतु नोडल अधिकारी नामित करें। उल्लंघन की दशा में दंडात्मक कार्यवाही की जाए। दंडात्मक कार्यवाही हेतु स्थानीय प्रवर्तन दल का गठन कर निगरानी की जाये। मंदिर परिसर के अन्दर एवं बाहर मुख्य स्थानों पर “तम्बाकू मुक्त क्षेत्र” का सूचना पटल लगायी जाये।
संभागायुक्त ने कहा है कि महेश्वर, मंडलेश्वर के सम्पूर्ण मंदिर क्षेत्र में उपरोक्त कार्यवाही करने से निर्दोष श्रद्धालुओं को तम्बाकू आपदा के खतरों से बचाने में, तम्बाकू सेवन के उपरान्त यत्र-तत्र थूकने से वातावरण को स्वच्छ रखने में एवं राज्य सरकार के नशा मुक्त एवं स्वछता अभियान में अहम योगदान होने के साथ ही जन स्वास्थ्य की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
धार्मिक स्थल महेश्वर एवं मंडलेश्वर पवित्र सार्वजनिक स्थल के साथ महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। यहाँ पर आम नागरिकों का आना-जाना होता है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे एवं महिलाएं होती है। तम्बाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। यह कई गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग आदि का कारण बन सकता है। इन बीमारियों के बारे में जानकारी होने के बावजूद भी लोग इसका सेवन करते हैं। एक रिपोर्ट में पाया गया कि तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल विश्व में लगभग 6 मिलियन लोगों की मौत होती है। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 8 मिलियन से अधिक भी हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा हर साल मई के अंत में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी। डब्ल्यूएचओ का उद्देश्य वर्ष 2030 तक तंबाकू के सेवन को 30 प्रतिशत तक कम करना है।
भारत में 13 से 14 लाख लोगों की मृत्यु तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण हो जाती है। तम्बाकू सेवन करने वालों की प्रवत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है, जिसके कारण कई गम्भीर बीमारियों के संक्रमण फैलने एवं वातावरण दूषित होता है, जिससे बीमारियों के संक्रमण के लिए उपयुक्त परिस्थतियां तैयार होती है। सिगरेट, बीडी के धूम्रपान से निकलने वाले धुंए के कारण बड़ी संख्या में लोग परोक्ष धूम्रपान के शिकार होते हैं, जिसमें मुख्य रूप से महिलाएं एवं बच्चे शामिल हैं। श्रद्धालुओं को गैर संचारी एवं संचारी रोगों से बचाना अत्यंत जरुरी है। भारत सरकार द्वारा तम्बाकू आपदा से लोगों के बचाने के लिए अधिनियम कोटपा-2003, भारतीय न्याय संहिता /आईपीसी धारा-268, 269, 278, किशोर न्याय अधिनियम धारा-77 जैसे विभिन्न कानून भी बनाये गये हैं, जिनमें जुर्माने और सजा का भी प्रावधान है।