दांत दर्द और मसूड़ों से खून आने की समस्या से पाएं राहत, अपनाएं ये आसान घरेलू नुस्खे

खराब खानपान और अनियमित जीवनशैली का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है, और ओरल हेल्थ यानी मुंह की सेहत भी इससे अछूती नहीं है। आजकल कम उम्र में ही लोगों को दांतों में दर्द, मसूड़ों से खून आना और सांसों की दुर्गंध जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये समस्याएं न केवल शारीरिक पीड़ा देती हैं, बल्कि कई बार शर्मिंदगी का कारण भी बन जाती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, दांतों की सही देखभाल न करने पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो आगे चलकर पायरिया या कैविटी जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले लेते हैं। हालांकि, रसोई में मौजूद कुछ प्राकृतिक चीजों के सही इस्तेमाल से इन समस्याओं में काफी राहत पाई जा सकती है। यहां कुछ ऐसे ही प्रभावी घरेलू उपायों की जानकारी दी जा रही है।

लौंग और नमक के पानी का उपयोग

दांत दर्द की समस्या में लौंग का तेल या साबुत लौंग बेहद कारगर मानी जाती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो दर्द को कम करने और संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। दर्द वाले दांत के नीचे एक लौंग दबाकर रखने से तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा, गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ला करना भी मसूड़ों की सूजन और दर्द को कम करने का एक पुराना और प्रभावी नुस्खा है।

दांतों के पीलेपन के लिए बेकिंग सोडा

दांतों का पीलापन अक्सर आत्मविश्वास को कम कर देता है। इसे दूर करने के लिए बेकिंग सोडा का सीमित उपयोग फायदेमंद हो सकता है। टूथब्रश पर थोड़ा सा बेकिंग सोडा छिड़ककर हल्के हाथों से ब्रश करने से दांतों की चमक वापस आ सकती है। हालांकि, इसका इस्तेमाल हफ्ते में केवल एक या दो बार ही करना चाहिए, क्योंकि अधिक उपयोग से दांतों की ऊपरी परत (इनेमल) को नुकसान पहुंच सकता है।

सरसों का तेल और हल्दी

मसूड़ों से खून आने की समस्या, जिसे अक्सर पायरिया के लक्षण के रूप में देखा जाता है, में सरसों का तेल और हल्दी का मिश्रण लाभकारी है। थोड़ी सी हल्दी में कुछ बूंदें सरसों के तेल की मिलाकर मसूड़ों पर हल्की मालिश करें। यह मिश्रण एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो मसूड़ों को मजबूत बनाने और खून बहना रोकने में सहायक है।

नीम और बबूल का दातुन

प्राचीन काल से ही भारत में नीम और बबूल के दातुन का उपयोग ओरल हेल्थ के लिए किया जाता रहा है। नीम के कड़वे गुण मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं, जबकि बबूल मसूड़ों को कसने में मदद करता है। यदि दातुन उपलब्ध न हो, तो नीम की पत्तियों को उबालकर उस पानी से कुल्ला करना भी सांसों की बदबू को दूर करने में मदद करता है।

इन घरेलू उपायों के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आप दिन में दो बार ब्रश करें और समय-समय पर दंत चिकित्सक से सलाह लें। यदि समस्या गंभीर है या घरेलू नुस्खों से आराम नहीं मिल रहा है, तो डॉक्टर को दिखाना अनिवार्य है।