मौत के साये में बसाए जा रहे आशियाने, नियम विपरीत कॉलोनाइजर बेच रहे भूखंड

स्वतंत्र समय, पांढुर्णा

पैसा कमाने के लिए व्यापार से जुड़े लोग कितना गिर सकते है इसका उदाहरण पांढुर्णा में देखने को मिल रहा है। ड्राइटेक कंपनी में प्रोपेन गैस से संचालित होने वाला प्लांट मौजूद रहने के बावजूद इस कंपनी की सीमा से लगकर रिहायशी बस्तियां कैसे बसने दे रहा है स्थानीय प्रशासन और कंपनी। पैसा सभी को प्यारा होता है, लेकिन इसके लिए मासूमों की जान से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नही है। चाहे वह करोड़ों के टर्नओवर की कंपनी चला रहा हो या अपने रसूख और सेटिंग के दम पर चंद अधिकारियो को सेट करने वाला कॉलोनाइजर हो अथवा साल दो साल के लिए पांढुर्णा में पदस्थ होने वाला कोई अधिकारी हो, ये लोग अपने स्वार्थ के लिए भोले भाले लोगो को यहां रिहायशी भूखंड या प्लॉट खरीदने दे रहे है। मीडिया की जिम्मेदारी जनता के प्रति है और हम इसे बिना किसी डर के सदैव निभाएंगे। लेकिन जनता को भी इस हकीकत को समझना पड़ेगा की कंपनी में मौजूद प्रोपेन गैस प्लांट के पास वे प्लॉट खरीदकर सपनो का घर नही बल्कि मौत का आशियाना बना रहे है।

औद्योगिक इकाई से लगकर बन रही आधा दर्जन कॉलोनियां

खुलेआम नियमो को ठेंगा दिखाकर कुछ कोलोनाइजरो ने नागपुर रोड की दोनो ओर स्थित ड्राइटेक कंपनी के दोनों कैंपस के एकदम बाजू में खेत खरीदकर उसके टुकड़े करके भूखंड या प्लॉट बेच रहे है। जबकि बताया जा रहा है की ड्राइटेक कंपनी द्वारा इन कोलोनाइजरों के द्वारा बाजू में कॉलोनी विकसित करने के संपंध में लिखित आपत्ति जताई है, राजस्व विभाग, रजिस्ट्री कार्यालय, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग क्यों लोगो को मौत के साए में भूखंड खरीदने दे रहे है। सिर्फ अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ लोग जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे है।

प्लॉट के नाम पर बेच रहे मौत

यदि समय रहते इस प्लांट की और आसपास बसने वाली कॉलोनियों की जांच और ठोस कार्यवाही नही हुई तो कभी भी भोपस गैस काण्ड जैसी दूसरी बड़ी दुर्घटना घट सकती है, जिसकी पुरी जिम्मेदारी अधिकारी, कंपनी, कोलानाइजर और लापरवाह प्लॉट खरीदने वालो की ज्यादा होगी। प्रोपन गैस प्लांट में होने वाली संभावित दुर्घटना का असर निश्चित रूप से नगर वासियों पर भी पड़ेगा, क्योंकि दुर्घटना का प्रभाव कम या ज्यादा सभी पर पड़ता है। सबसे विचारणीय बात यह है की आखिरकार शहरी सीमा में संचालित होने वाली इस कंपनी को प्रोपैन गैस प्लांट चलाने की अनुमति मिल कैसे गई। यह बिल्कुल उस प्रकार है की मौत का सामान तैयार भी कर दिया है और चेतावनी भी नही दे रहे ऊपर से बाजू में नादान लोगो को लालची कोलोनाइजरो से प्लॉट खरीदने दे रहे है। कंपनी की ओर से तीन साल पहले इन कॉलोनाइजरो के संबंध में एसडीएम कार्यालय में पत्राचार किया था, लेकिन उसकी अधिकृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

घट सकती है बड़ी दुर्घटना

अबतक कई लोगो की जान ड्राइटेक कंपनी में हुए हादसों में जा चुकी है, प्रोपण गैस से चलने वाले चेंबर सहित अन्य जगह घटी इन घटनाओं को छोटी घटनाओं के रूप में बताया जा रहा है। ड्राइटेक कंपनी में घटी प्रोपेन गैस पर आधारित गैस बर्नर वाले डी 4 सेक्शन में केमिकल से हुए विस्फोट में 4 कंपनी के कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। जिनमे नरेंद्र पिता विजय बडनागरे, नरेंद्र पिता संतोष कोल्हे, अंकुश पिता रामभाऊ हिवसे और चंद्रशेखर पिता सुखदेव सांबारे की दुर्घटना में मौत के बाद कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। यदि हादसे में आग बर्नर से प्रोपेन गैस प्लांट तक पहुंच जाती तो पांढुर्णा के इतिहास का सबसे बड़ा हादसा हो सकता था।
फिर भी कोई सुधार कंपनी, प्रशासन या लोगो में देखने को नहीं मिल रहा है।