smart City की जमीन पर कब्जा करके बनाए 4 लोगों के मकान तोड़े

स्वतंत्र समय, इंदौर

स्मार्ट सिटी ( smart City ) सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में केबिनेट मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा एम.ओ.जी. लाईन स्थित चयनित क्षेत्र की कुल 16.413 हेक्टेयर की भूमि तद्नुसार विभाग द्वारा भूमि इन्दौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

smart City की जमीन पर इनके बने थे मकान

स्मार्ट सिटी ( smart City ) प्रोजेक्ट के कार्य हेतु आवंटित भूमि पर 4 मकानधारको दीदार सिंह पिता बाबू सिंह निवासी 7/6 एम.ओ.जी लाईन इंदौर, सज्जन सिंह पिता इंदर सिंह निवासी 7/4 एम.ओ.जी लाईन, भूपेन्द्र सिंह पिता स्व. निर्मल सिंह निवासी 7/6 एम.ओ.जी लाईन एवं कमलजीत सिंह पति स्व. इंदरजीत सिंह निवासी 7/6 एम.ओ.जी लाईन द्वारा अवैध अतिक्रमण कर मकान का निर्माण किया गया था। उक्त अवैध अतिक्रमण कर निर्मित मकान को निगम व जिला प्रशासन की टीम द्वारा रिमूव्हल करने की कार्यवाही की गई। विदित हो कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की आवंटित भूमि पर अवैध मकान का निर्माण किया जाकर, मकान धारक द्वारा मान. सत्र न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, मान. सत्र न्यायालय द्वारा याचिका में विधिक प्रक्रिया अपनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। उसी क्रम में तहसील न्यायालय मल्हारगंज जिला इंदौर में अतिक्रमण के संबंध में प्रकरण दर्ज किया गया था, तहसील न्यायालय मल्हारगंज जिला इंदौर में स्मार्ट सिटी के पक्ष में निर्णय हुआ था, निर्णय उपरांत संबंधित मकानधारको को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हेतु आवंटित भूमि पर मकान रिक्त करने के लिये सूचना पत्र जारी किये गये थे, ताकि मकान को हटाने की कार्यवाही कि जा सके। इसके साथ ही संबंधित मकानधारको को निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास आवंटित किये गये थे।

2 मकानों को खाली करने का समय दिया

उपरोक्तानुसार तहसील न्यायालय द्वारा जारी सूचना पत्र के उपरांत निर्धारित समयावधि के पश्चात भी मकानधारको द्वारा भूमि रिक्त नही की गई, जिस पर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा आज रिमूव्हल कार्यवाही की गई, जिसमें 2 मकान पर रिमूव्हल कार्यवाही की गई व 2 को मकान रिक्त करने हेतु समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हेतु एमओजी लाईन में आवंटित भूमि पर आज रिमूव्हल कार्यवाही के पश्चात यह जानकारी प्रेषित कि जा रही है, उक्त रिमूव्हल कार्यवाही में भुतपूर्व सैनिक का निवास भी शामिल है, जो कि सरासर गलत अफवाह है।
, उपरोक्त उल्लेखित मकानधारको में से कोई भी भुतपुर्व सैनिक का निवास नही है।