ब्रेक लगाने के बाद कितनी दूर जाकर रुकती है ट्रेन? जवाब जानकर चौंक जाएंगे आप

जब आप अपनी बाइक या कार चला रहे होते हैं और अचानक ब्रेक लगाते हैं, तो वह तुरंत नहीं रुकती — कुछ दूरी तक जाती है और फिर रुकती है। ठीक यही बात ट्रेनों पर भी लागू होती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि ब्रेक लगाने के बाद ट्रेन को रुकने में कितना समय और दूरी लगती है? इसका जवाब काफी रोचक और तकनीकी है।

ट्रेन को रुकने में कितना समय लगता है?

ट्रेन की रुकने की दूरी उसकी स्पीड, ब्रेक की हालत, ट्रैक की सतह और ट्रेन के वजन पर निर्भर करती है। आमतौर पर एक सामान्य पैसेंजर ट्रेन को ब्रेक लगाने के बाद 800 से 1200 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, तब जाकर वह रुकती है। यह दूरी लगभग 8 से 12 फुटबॉल मैदानों के बराबर होती है। मालगाड़ी को रुकने में इससे भी ज्यादा दूरी लग सकती है। हालांकि, जितनी तेज ट्रेन की स्पीड होगी, उसे रुकने में उतनी ज्यादा दूरी लगेगी। जैसे 55 मील/घंटा की रफ्तार से दौड़ रही मालगाड़ी को रुकने में 1.6 से 2.4 किमी लगते हैं। वहीं, 80 मील/घंटा से चल रही 8 डिब्बों वाली पैसेंजर ट्रेन को 1.6 किमी चाहिए।

ब्रेक की हालत और ट्रैक की भूमिका

ट्रेन के ब्रेक सिस्टम की स्थिति बहुत अहम होती है। अगर ब्रेक्स अच्छी हालत में हैं, तो ट्रेन कम दूरी में रुक सकती है। लेकिन अगर ब्रेक की हालत खराब है, तो ट्रेन को रुकने में ज्यादा वक्त लगेगा। साथ ही, ट्रैक की सतह (कहीं फिसलन तो नहीं है, ट्रैक का ढलान कैसा है) भी इस प्रक्रिया में बड़ी भूमिका निभाती है। ढलान वाले ट्रैक पर ट्रेन को रुकने में और भी ज्यादा दूरी लगती है।

इमरजेंसी ब्रेक से क्या होता है?

जब ट्रेन पायलट इमरजेंसी ब्रेक लगाता है, तो ट्रेन की गति अचानक कम हो जाती है, लेकिन वो भी तुरंत नहीं रुकती। बल्कि उस समय ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने के कारण रुकने की दूरी और बढ़ जाती है।