देश में अगले साल से एक बार फिर जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके लिए केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से बजट को मंजूरी दे दी है। मौजूदा समय में भारत की अनुमानित जनसंख्या लगभग 147 करोड़ मानी जा रही है। इसी आधार पर अगर जनगणना के बजट की तुलना की जाए, तो यह सवाल उठता है—सरकार एक व्यक्ति की गिनती पर कितना खर्च करेगी? चलिए पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
मौजूदा जनसंख्या: 147 करोड़ का आंकड़ा बना आधार
हालांकि आमतौर पर लोग देश की आबादी को 140 करोड़ के करीब मानते हैं, लेकिन वास्तविक आंकड़ा हर सेकंड बदलता रहता है। वर्ल्डोमीटर के अनुसार इस समय भारत की जनसंख्या लगभग 147 करोड़ तक पहुंच चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2026–27 तक यह संख्या और बढ़ सकती है। इसी कारण जनगणना के अनुमानित खर्च की गणना के लिए वर्तमान 147 करोड़ के आंकड़े को आधार माना गया है।
सरकार ने जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपए किए मंजूर
कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने जनगणना 2027 के लिए कुल 11,718.24 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय सर्वे माना जाएगा।
जनगणना दो चरणों में पूरी होगी—
- पहला चरण: मकान सूचीकरण और आवास जनगणना (अप्रैल से सितंबर 2026)
- दूसरा चरण: आबादी की गणना (फरवरी 2027)
बर्फबारी वाले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल और उत्तराखंड में यह प्रक्रिया मौसम के अनुसार पहले ही सितंबर 2026 में शुरू कर दी जाएगी।
पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी जनगणना
इस जनगणना का सबसे बड़ा बदलाव इसका पूरी तरह डिजिटल होना है। डेटा कलेक्शन के लिए एंड्रॉइड और iOS आधारित मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके साथ ही:
- एक सेंट्रल सेंसेस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (CMMS) पोर्टल तैयार किया गया है।
- अधिकारी वेब-बेस्ड HLB Creator Map Application के जरिए क्षेत्रवार मॉनिटरिंग और योजना बना सकेंगे।
30 लाख कर्मचारी मैदान में उतरेंगे
इतने बड़े स्तर पर जनगणना को संचालित करने के लिए करीब 30 लाख फील्ड वर्कर्स लगाए जाएंगे। इनमें शामिल होंगे:
- जनगणनाकर्मी
- पर्यवेक्षक
- मास्टर ट्रेनर्स
- प्रभार अधिकारी
- जिला जनगणना अधिकारी
अधिकतर जनगणनाकर्मी सरकारी स्कूलों के शिक्षक होंगे, जिन्हें उनके नियमित काम के साथ अतिरिक्त मानदेय देकर यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
इसके अलावा, इस बार जनगणना में जाति आधारित डेटा भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एकत्र किया जाएगा।
एक व्यक्ति की गिनती पर कितना खर्च आएगा?
सरकार द्वारा स्वीकृत बजट—11,718.24 करोड़ रुपए
मौजूदा जनसंख्या—147 करोड़
अगर इस आधार पर गणना करें तो सरकार एक व्यक्ति को जनगणना में दर्ज करने के लिए लगभग 80 रुपए खर्च कर सकती है।
हालांकि वास्तविक खर्च जनगणना शुरू होने के समय बदल सकता है, इसलिए यह आंकड़ा सिर्फ अनुमानित है।