हरसिंगार, जिसे पारिजात भी कहा जाता है, भारतीय घरों में एक विशेष स्थान रखता है। अपनी भीनी खुशबू और औषधीय गुणों के कारण इसे ‘नाइट जैस्मीन’ के नाम से भी जाना जाता है। अक्सर लोग जगह की कमी के कारण इसे लगाने से हिचकिचाते हैं, लेकिन सही तकनीक अपनाकर इसे गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है।
वास्तु शास्त्र में भी इस पौधे को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है। अगर आप फ्लैट या छोटे मकान में रहते हैं, तो भी आप अपनी बालकनी या छत पर हरसिंगार का पौधा लगा सकते हैं। इसके लिए बस कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
गमले का सही चुनाव
हरसिंगार का पौधा काफी तेजी से बढ़ता है, इसलिए इसके लिए सही आकार का गमला चुनना सबसे पहला कदम है। शुरुआत में कम से कम 12 से 16 इंच का गमला लेना बेहतर होता है। मिट्टी या टेराकोटा के गमले सबसे उपयुक्त माने जाते हैं क्योंकि इनमें हवा का संचार अच्छा होता है। प्लास्टिक के गमलों में पानी रुकने की समस्या हो सकती है, जिससे जड़ें सड़ सकती हैं।
मिट्टी तैयार करने की विधि
पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी का उपजाऊ और भुरभुरा होना जरूरी है। सामान्य बगीचे की मिट्टी में यह पौधा ठीक से नहीं पनप पाता। इसके लिए एक विशेष मिश्रण तैयार करें। 50 प्रतिशत सामान्य मिट्टी में 30 प्रतिशत वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) और 20 प्रतिशत रेत या कोकोपीट मिलाएं। यह मिश्रण पानी की निकासी को बेहतर बनाता है और जड़ों को फैलने में मदद करता है।
धूप और पानी का संतुलन
हरसिंगार को अच्छी धूप की जरूरत होती है। गमले को ऐसी जगह रखें जहां उसे दिन में कम से कम 4 से 5 घंटे की सीधी धूप मिल सके। छायादार जगह पर रखने से इसमें फूल कम आते हैं या पौधा मुरझाने लगता है। पानी देते समय सावधानी बरतें। मिट्टी की ऊपरी परत सूखने पर ही पानी दें। सर्दियों में पानी की मात्रा कम कर दें, जबकि गर्मियों में नियमित रूप से नमी बनाए रखें।
कटिंग और प्रूनिंग है जरूरी
गमले में पौधा ज्यादा बड़ा न हो जाए, इसके लिए समय-समय पर इसकी छंटाई (Pruning) करना आवश्यक है। इससे पौधा घना बनता है और नई शाखाएं निकलती हैं। बरसात का मौसम कटिंग लगाने या पौधे की रिपोर्टिंग के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। सूखी और बेजान टहनियों को हटाने से पौधे की ऊर्जा नई कलियों को बनाने में लगती है।
खाद और पोषण
गमले की सीमित मिट्टी में पोषक तत्व जल्दी खत्म हो जाते हैं। इसलिए महीने में एक बार जैविक खाद का प्रयोग करें। सरसों की खली का तरल खाद (Liquid Fertilizer) या नीम खली का उपयोग फंगस से बचाने और ग्रोथ बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। रासायनिक खाद के बजाय नेचुरल विकल्पों पर भरोसा करें, जिससे पौधे की उम्र लंबी होती है।
इन आसान तरीकों को अपनाकर आप अपने घर की शोभा बढ़ा सकते हैं और हरसिंगार की खुशबू का आनंद ले सकते हैं।