शनिदेव की कृपा के लिए 7 शनिवार का व्रत क्यों है महत्वपूर्ण, जानें सही पूजा विधि और नियम

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव का विशेष स्थान है। उन्हें न्याय का देवता और कर्मफल दाता माना जाता है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन कष्टों से मुक्ति पाने और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार का व्रत एक अचूक उपाय माना गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि-विधान से शनिवार का व्रत करने से न केवल शनि दोष का प्रभाव कम होता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है। यह व्रत कम से कम 7 शनिवार तक लगातार रखने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं इस व्रत की सही विधि, नियम और महत्व के बारे में।

किन्हें रखना चाहिए शनिवार का व्रत?

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में हों या जो शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हों, उन्हें शनिवार का व्रत अवश्य रखना चाहिए। इसके अलावा, जो लोग अपने करियर में बाधाओं का सामना कर रहे हैं या जिन्हें मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिल रही है, वे भी इस व्रत को करके लाभ उठा सकते हैं। यह व्रत जीवन में अनुशासन और सकारात्मकता भी लाता है।

शनिवार व्रत की सही पूजा विधि

शनिवार का व्रत रखने के लिए नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। सही विधि से की गई पूजा ही पूर्ण फल देती है।

व्रत का संकल्प: शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ, विशेषकर नीले या काले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थान पर शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।

पूजा सामग्री: पूजा में सरसों का तेल, काले तिल, काले उड़द, लोहे की वस्तुएं, नीले फूल और काले वस्त्र शामिल करें। शनिदेव को ये वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है।

पूजा प्रक्रिया: शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उन्हें काले तिल, फूल और अन्य सामग्री अर्पित करें। इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें या शनि के मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का 108 बार जाप करें। पूजा के बाद शनिदेव की आरती करें।

दिनचर्या और भोजन: व्रत के दिन केवल एक समय भोजन किया जाता है, वह भी सूर्यास्त के बाद पूजा करने के पश्चात। भोजन में नमक का प्रयोग वर्जित होता है। इस दिन उड़द दाल की खिचड़ी या तिल से बनी चीजें खाना उत्तम माना जाता है।

व्रत के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

शनिवार के व्रत का पूर्ण लाभ पाने के लिए कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है।

  • इस दिन लोहा, तेल, नमक, और काले रंग की वस्तुएं खरीदने से बचें।
  • किसी भी गरीब, असहाय या कमजोर व्यक्ति का अपमान न करें। शनिदेव गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनका अनादर करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं।
  • व्रत के दिन दूध, दही और मसूर की दाल का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • इस दिन बाल और नाखून काटने की भी मनाही होती है।

मान्यता है कि पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ 7 शनिवार का व्रत करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनके कष्टों से मुक्ति दिलाकर जीवन में सफलता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।