ट्रेचिंग ग्राउंड पर प्रस्तावित पशु शव निपटान मशीन को लेकर बुधवार को इलाके में भारी आक्रोश देखने को मिला। मशीन को रिहायशी बस्तियों, दुकानों और कारखानों के समीप लगाए जाने के विरोध में सैकड़ों लोग एकजुट होकर सामने आए। रहवासियों, दुकानदारों और मजदूरों ने मिलकर नगर निगम कमिश्नर, इंदौर जिला कलेक्टर और माननीय महापौर को ज्ञापन सौंपा और इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की। लोगों का कहना था कि यह मशीन यदि इसी स्थान पर लगाई गई, तो पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर संकट खड़ा हो सकता है।
ज्ञापन के माध्यम से नागरिकों ने अपनी चिंताओं को विस्तार से अधिकारियों के सामने रखा। उन्होंने आशंका जताई कि पशु शव निपटान मशीन से दुर्गंध, गंदगी और जहरीला प्रदूषण फैलेगा, जिससे आसपास के रहवासियों का जीवन दूभर हो जाएगा। लोगों ने कहा कि सड़ांध के कारण सांस संबंधी बीमारियां बढ़ेंगी और संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहेगा। इतना ही नहीं, नागरिकों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते निर्णय नहीं बदला गया, तो यह स्थिति महामारी का रूप भी ले सकती है।
स्थानीय दुकानदारों और कारखाना संचालकों ने भी इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि मशीन लगने से न केवल स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा, बल्कि व्यापार और रोज़गार भी प्रभावित होंगे। ग्राहक बदबू और गंदगी के कारण इस क्षेत्र से दूरी बनाने लगेंगे, जिससे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। मजदूरों ने भी चिंता जताई कि दूषित वातावरण में काम करना उनके लिए असुरक्षित होगा और उनकी सेहत पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
नागरिकों ने प्रशासन से स्पष्ट मांग की कि पशु शव निपटान मशीन को आबादी से दूर, किसी निर्जन क्षेत्र या जंगल की ओर स्थानांतरित किया जाए। उनका तर्क था कि ऐसे संवेदनशील कार्य के लिए रिहायशी इलाका बिल्कुल उपयुक्त नहीं है। मशीन को दूरस्थ स्थान पर लगाने से प्रदूषण और बीमारियों का खतरा भी कम होगा और शहर की स्वच्छता व्यवस्था भी बेहतर ढंग से संचालित हो सकेगी।
इस दौरान नगर निगम कमिश्नर, जिला कलेक्टर और महापौर ने लोगों की बात को गंभीरता से सुना। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जनहित को सर्वोपरि रखते हुए इस मशीन को ट्रेचिंग ग्राउंड पर नहीं लगाया जाएगा और इसके लिए कोई वैकल्पिक, उपयुक्त स्थान तलाशा जाएगा। अधिकारियों के इस आश्वासन के बाद लोगों में कुछ हद तक संतोष नजर आया।
इस विरोध प्रदर्शन में क्षेत्र के दुकानदारों, कारखानों और रहवासियों का प्रतिनिधित्व श्री राजकुमार राठौर, पंडितजी, नीतेशजी, निजामजी सहित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी ने यह साफ कर दिया कि यह मुद्दा केवल एक स्थान या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की सामूहिक चिंता का विषय है। नागरिकों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन अपने वादे पर अमल करेगा और स्वास्थ्य व पर्यावरण की रक्षा के लिए सही निर्णय लेगा।