मैं रिजेक्टेड सीएम नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए राजनीति में हूं

स्वतंत्र समय, भोपाल

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों अपने बयानों के चलते सुर्खियों में हैं। अब उन्होंने कहा है कि कई लोग मुझे पूर्व चीफ मिनिस्टर कहते हैं, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। आज भी लोग बोलते हैं मामा,मामा,मामा। मैंने छोड़ दिया इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करुंगा। मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है। अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का प्यार मिलता है। शिवराज ने ये बातें पुणे में आयोजित 13वीं भारतीय छात्र संसद में कही। युवाओं के बीच पहुंच कर वे पूरे फॉर्म में नजर आए और खुलकर अपनी बातें रखीं।

कार्तिकेय की धमकीः सरकार वादे नहीं निभाएगी तो लड़ने को तैयार

पूर्व सीएम शिवराज के बेटे कार्तिकेय ने शुक्रवार को सीहोर के भेरूंदा के कोसमी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में बड़ा बयान देकर अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि आपसे किए वादे निभाने अपनी सरकार से भी लडऩा पड़ा तो उसके लिए भी कार्तिकेय तैयार है। मैं नेता नही हूं, मेरा राजनीति में आने का कोई मन नहीं, पापा (शिवराज) नहीं, मैं आपसे वोट मांगने आया था और आपसे किए वादे पूरे करने के लिए मुझे अगर सरकार से भी लडऩा पड़ा तो उसके लिए भी कार्तिकेय पीछे नहीं हटेगा, हालांकि इसकी नौबत नहीं आएगी, सरकार अपनी है, सभी वादे पूरे होंगे। कार्तिकेय के द्वारा हितग्राहियों को हित लाभ का वितरण भी किया गया। चौहान ने कहा कि आप लोग मुझे सम्मान देते है, कुर्ता पहनकर जरूर आपके बीच आया हूं। अब पिताजी मुख्यमंत्री नहीं रहे और ऐसे में मैं आपके बीच नहीं आऊं तो मैं रात को चैन की नींद नहीं सो सकूंगा। आपसे उस समय जो वादा किया था उसे निभाने में आया हूं, और उसे निभाने के लिए किसी भी हद तक भी जा सकता हूं। पहले तो लडऩे की आवश्यकता नहीं क्योंकि अपनी सरकार है, लेकिन लडऩा पड़ा तो कार्तिकेय तैयार है।
कई सारे राज्यों में सरकार पलट गई: कार्तिकेय: कार्तिकेय चौहान ने कहा कि आपके भैया शिवराज ने इतनी मेहनत की इस चुनाव में जो किसी के लिए भी संभव नहीं है, आपको गर्व होना चाहिए। हमारे बीच के व्यक्ति ने 20 साल की सरकार के बाद दोबारा सरकार को रिपीट किया है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित कई सारे राज्यों में चुनाव हुए, सारे राज्यों में सरकार पलट गई, गिर गई, कही कांग्रेस तो कही कोई सरकार आई. लेकिन मप्र केवल एक ऐसा राज्य था, 20 साल की सत्ता के बाद सरकार लौटने के साथ ही प्रचंड बहुमत से आई. पूरे देश की आंखे फटी रह गई।