“आदिवासी सेना बनाऊंगा!” – मंत्री विजय शाह की धमकी ने भाजपा में खड़ा किया नया बखेड़ा

मध्य प्रदेश की राजनीति इन विवादित बयान की आग में सुलग रही है। यहीं चिंगारी बने वन मंत्री विजय शाह ने देश की पहली महिला कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दे कर महिला और सेना का अपमान कर दिया है। यहां एक बात और आश्चयर्जन है कि उन्हें अपने बतुके बयान का मलाल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी वह स्वयं इस्तीफा देने की बजाए अपने मंत्री पद पर डटे रहना चाहते है। वहीं जहां एक ओर भोपाल की सड़कों पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी है। वहीं भाजपा हाईकोर्ट के फैसलें का इंतजार कर रही है।

मंत्री पद से किया बर्खास्त तो पड़ेगा मंहगा
भाजपा पार्टी के भीतर दबाव बढ़ने के बावजूद विजय शाह अपने रुख पर अडिग हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें मंत्री पद से हटने की सलाह दी, लेकिन जब वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय खुद उन्हें मनाने पहुंचे, तो शाह ने दो टूक कह दिया कि “अगर जबरन हटाया गया, तो आदिवासी सेना बनाऊंगा!” इस बयान से पार्टी के भीतर हलचल तेज हो गई है, और विपक्ष को सरकार पर हमले का बड़ा हथियार मिल गया है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार से गहराया पार्टी का संकट
विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा एफआईआर के आदेश को रद्द किया जाए,  लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए राहत देने से इनकार कर दिया। इससे बीजेपी का संकट और गहराता दिख रहा है।

काले एप्रन में विधायकों का प्रदर्शन
भोपाल के राजभवन के बाहर कांग्रेस विधायकों ने काला एप्रन पहनकर मंत्री विजय शाह को हटाने के साथ ही जोरदार प्रदर्शन किया। यहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के विवादित बयान के बाद पीसीसी चीफ ने दोनो मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। यहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि “यह सिर्फ एक महिला का नहीं, सेना और देश के सम्मान का मुद्दा है।” यहीं प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सभी विधायकों को हिरासत में ले लिया। इस पर पूर्व मंत्री सचिन यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी “जो सेना का अपमान करे वो मंत्री बना रहे, और जो उसका विरोध करे वो जेल जाए – यही है इस सरकार का न्याय?” इस सबके बीच राजनीति अब अदालत के फैसले और जनता की प्रतिक्रिया के बीच झूल रही है – और यही इसे रोमांचक बना रहा है।