IAF: भारतीय वायुसेना अपनी सामरिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। रक्षा मंत्रालय जल्द ही छह और एम्ब्रेयर विमानों को ब्राजील से खरीदने का प्रस्ताव रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) के समक्ष लाने की तैयारी में है। इन विमानों को डीआरडीओ द्वारा विकसित नेत्रा मार्क 1ए (AESA) रडार प्रणाली के साथ हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AEW&C) में परिवर्तित किया जाएगा। यह कदम महत्वपूर्ण क्षमता अंतराल को भरने और पारंपरिक निवारक शक्ति को बढ़ाने की दिशा में उठाया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने अमेरिकी कंपनी मेट्रिया से एक केसी-135 मध्य-हवा में ईंधन भरने वाले विमान को वेट लीज पर लेने की मंजूरी दी है। साथ ही, रक्षा मंत्रालय के अधिग्रहण प्रभाग द्वारा जारी निविदा के आधार पर छह और मध्य-हवा में ईंधन भरने वाले विमानों की खरीद को तेज कर दिया गया है। वर्तमान में भारत के पास रूस निर्मित छह ईंधन भरने वाले विमान हैं।
AEW&C और मध्य-हवा में ईंधन भरने की आवश्यकता क्यों?
हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक उच्च तीव्रता का सैन्य टकराव देखा गया, भारतीय सेना ने अपनी रणनीतिक जरूरतों का पुनर्मूल्यांकन किया। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने 314 किलोमीटर की दूरी से पाकिस्तान के एक साब-2000 एरीआई AEW&C विमान को नष्ट कर दिया। पाकिस्तानी वायुसेना के पास वर्तमान में सात साब-2000 एरीआई रडार प्रणाली वाले विमान, चार चीनी जेडडीके-03 इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान, और तीन डसॉल्ट फाल्कन डीए-20 इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान हैं। ये विमान 350 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन क्षेत्र में हवाई और जमीनी गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम हैं।
पाकिस्तान के पास भी भारत की तरह रूस निर्मित चार आईएल-78 एम ईंधन भरने वाले विमान हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 जून, 2025 को सैन्य प्रमुखों और राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों की बैठक में यह सहमति बनी कि पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य सहयोग, विशेष रूप से चीन और तुर्की से प्राप्त होने वाली नई तकनीकों, जैसे युआन-क्लास पनडुब्बियां, फ्रिगेट्स, सशस्त्र ड्रोन, और तुर्की द्वारा निर्मित कोरवेट्स, को देखते हुए भारत को अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत करना होगा।
IAF : भारत की तकनीकी समीक्षा और उपलब्धियां
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तानी हथियारों, जैसे चीनी पीएल-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, फतह रॉकेट्स, और तुर्की निर्मित यीहा ड्रोन को बरामद किया। इन हथियारों की समीक्षा भारत के शीर्ष तकनीकी विशेषज्ञ कर रहे हैं। भारत अब एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास चीनी हथियार प्रणालियों, जैसे जे-10, जेएफ-17 लड़ाकू विमान, एचक्यू-9 वायु रक्षा प्रणाली, और एसएच-15 हॉवित्जर, साथ ही अपने राफेल लड़ाकू विमानों की युद्धक परिस्थितियों में प्रदर्शन का वास्तविक डेटा उपलब्ध है।