Bhopal News : सीनियर IAS अधिकारी और अजाक्स के नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा ब्राह्मण समाज की बेटियों पर दिए अपने एक बयान को लेकर चौतरफा घिर गए हैं। चौतरफा आलोचना और विरोध प्रदर्शनों के बीच IAS अधिकारी संतोष वर्मा ने अब अपने बयान पर माफी मांग ली है। उन्होंने दावा किया है कि उनके 27 मिनट के भाषण से कुछ सेकंड की क्लिप निकालकर उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
क्या था IAS वर्मा का विवादित बयान?
यह पूरा विवाद रविवार को हुए अजाक्स (अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के प्रांतीय अधिवेशन से शुरू हुआ। इसी कार्यक्रम में संतोष वर्मा को संगठन का नया प्रांताध्यक्ष चुना गया था। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आरक्षण को लेकर एक विवादित टिप्पणी की।
IAS अधिकारी संतोष वर्मा ने भाषण देते हुए कहा था कि – “जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।”
यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और विभिन्न संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।
मंत्रालय में प्रदर्शन, उपमुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
हालांकि, वर्मा की माफी के बावजूद यह मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। विभिन्न सामाजिक और कर्मचारी संगठन उनके खिलाफ लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को मंत्रालय में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सवर्ण कर्मचारी संगठन इस मामले में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग करेंगे।
मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुधीर नायक ने कहा कि वे वर्मा के विरुद्ध IAS सर्विस रूल के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने इस बयान को “घोर आपत्तिजनक और सवर्ण समुदाय का अपमान” बताया है।
विभिन्न संगठनों ने की निंदा और गिरफ्तारी की मांग
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए वर्मा को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग की है। समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्र ने कहा कि जिस सरकार में ‘लाड़ली लक्ष्मी’ और ‘बेटी-बचाओ, बेटी-बढ़ाओ’ जैसे अभियान चल रहे हों, वहां एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बेटियों पर ऐसी अनर्गल टिप्पणी निंदनीय है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, ब्राह्मण समाज शांत नहीं बैठेगा।
वहीं, सपाक्स (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने भी बयान की कड़ी आलोचना की।
“इससे घटिया, निकृष्ट और निंदनीय स्टेटमेंट कोई और नहीं हो सकता। जो अपनी बेटी और दूसरे की बेटी में इतना फर्क करता हो, उसके लिए कोई शब्द नहीं है। ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए और सरकार को उन्हें पद से हटाना चाहिए।” — डॉ. हीरालाल त्रिवेदी, राष्ट्रीय संयोजक, सपाक्स
डॉ. त्रिवेदी ने पुलिस से FIR दर्ज कर वर्मा को तत्काल गिरफ्तार करने की भी मांग की है। इनके अलावा भोपाल हिंदू उत्सव समिति और संस्कृति बचाओ मंच ने भी इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है।