स्वतंत्र समय, भोपाल
जल संसाधन विभाग में प्रमुख अभियंता के पद पर सरकार ईएनसी ( ENC ) की नियुक्ति नहीं कर पाई है। इस बीच बुधवार को पीएम मोदी द्वारा केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के शिलान्यास के चलते सरकार को इस पद के लिए पात्र इंजीनियर नहीं मिल पाने की वजह से एक आईएएस अफसर को चार्ज देना पड़ा है। वह मोदी के छतरपुर में शिलान्यास के दौरान जल संसाधन के प्रमुख अभियंता के रूप में मौजूद रहे।
प्रभारी ENC शिरीष मिश्रा को हटाया
मोहन सरकार केन-बेतवा लिंक और पार्वती-कालीसिंध-चंबल राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम कर रही है। 17 सितंबर को पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक आदेश में जल संसाधन विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता ( ENC ) शिरीष मिश्रा को हटा दिया है। वे रिटायर अधीक्षण यंत्री हैं और संविदा पर इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मिश्रा को हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद जल संसाधन विभाग तकनीकी मुखिया विहीन हो गया है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने मिश्रा की नियुक्ति पर मई में रोक लगाते हुए राज्य सरकार और मिश्रा को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था। दो दिन पहले कोर्ट ने मिश्रा को हटाने के आदेश पर सख्ती से अमल के आदेश दिए थे।
इनकी याचिका पर हटे शिरीष मिश्रा
दरअसल, प्रभारी चीफ इंजीनियर जोश सिंह कुसरे और कमिश्नर कमांड विनोद सिंह टेकाम ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (ईएनसी) के रूप में मिश्रा की नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है। उधर, पीएचई और पीडब्ल्यूडी में भी पदोन्नति नहीं मिलने की वजह से संविदा पर अधिकारियों को ईएनसी बनाया गया है। पीएचई में रिटायर्ड इंजीनियर केके सोनकिया ईएनसी बनाए गए है, जबकि पीडब्ल्यूडी में अधीक्षण यंत्री केपीएस राणा को ईएनसी का प्रभार दिया गया है। वैसे इस मामले में राणा से सीनियर एआर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।