Pawan Kalyan, जिन्हें तेलुगु सिनेमा में एक बड़े सितारे और आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है, ने हाल ही में अपने करियर और राजनीतिक जीवन के बीच संतुलन को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अगर उनके पास स्थिर आय का कोई स्रोत होता, तो वे अभिनय को अलविदा कह सकते थे। यह बयान न केवल उनके प्रशंसकों के लिए बल्कि राजनीतिक और सिनेमाई हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
अभिनय और राजनीति: एक जटिल संतुलन
पवन कल्याण ने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, जिनमें अत्तारिंटिकी दारेदी और गब्बर सिंह जैसी फिल्में शामिल हैं। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने जन सेना पार्टी के संस्थापक और एक सक्रिय राजनेता के रूप में अपनी पहचान को और मजबूत किया है। आंध्र प्रदेश में हाल के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और वे वर्तमान में राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
हालांकि, फिल्मों और राजनीति के बीच संतुलन बनाना उनके लिए आसान नहीं है। एक साक्षात्कार में, पवन ने खुलासा किया कि अभिनय उनके लिए एक पेशा है, जो उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास कोई स्थिर आय का स्रोत होता, तो मैं शायद अभिनय छोड़ देता। मेरे लिए, राजनीति और समाज सेवा प्राथमिकता है, लेकिन फिल्में मेरी आजीविका का आधार हैं।”
Pawan Kalyan का राजनीति के प्रति समर्पण
पवन कल्याण का राजनीति में प्रवेश उनके प्रशंसकों के लिए आश्चर्यजनक नहीं था। जन सेना पार्टी की स्थापना के बाद से, उन्होंने सामाजिक मुद्दों जैसे किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। 2024 के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी ने एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें सत्ता में एक महत्वपूर्ण भूमिका दिलाई।
क्या Pawan Kalyan सचमुच अभिनय छोड़ देंगे?
पवन के इस बयान ने उनके प्रशंसकों के बीच एक बहस छेड़ दी है। एक तरफ, उनके प्रशंसक उन्हें बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं, जहां उनकी फिल्में हमेशा बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती हैं। दूसरी तरफ, उनके समर्थक उनके राजनीतिक प्रयासों की सराहना करते हैं और चाहते हैं कि वे समाज सेवा में और अधिक समय दें।