स्वतंत्र समय, इंदौर
शहर विकास की दिशा में कदम उठाते हुए इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने 16 अगस्त को हुई बोर्ड बैठक में 15 किलोमीटर लंबी ‘अहिल्या पथ’ ( Ahilya Path ) सडक़ परियोजना को हरी झंडी दे दी। यह सडक़ इंदौर एयरपोर्ट से लेकर रेवती गांव तक बनाई जाएगी और शहर के पश्चिमी क्षेत्र में यातायात को बेहतर बनाने के साथ-साथ केंद्रीय क्षेत्र में यातायात का दबाव कम करने का काम करेगी। हालांकि, इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं, जो इस परियोजना को बाधित कर सकती हैं। हालांकि योजना के निर्माण में एक वर्ष और सडक़ निर्माण में दो वर्ष का समय लगने की संभावना है।
Ahilya Path के आसपास 5 परियोजनाओं का प्रस्ताव भोपाल भेजा
16 अगस्त को हुई आईडीए की बोर्ड बैठक में, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने ‘अहिल्या पथ’ ( Ahilya Path ) के इर्द-गिर्द पांच परियोजनाओं को विकसित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार और नगर एवं ग्राम निवेश विभाग, भोपाल को भेजने की अनुमति दी। यह फैसला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके तहत तय किया गया कि इन योजनाओं के अंतर्गत किसी भी तरह के नक्शों को पास नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, अगर पिछले छह महीनों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) द्वारा किसी योजना में नक्शे पास किए गए हैं, लेकिन नगर निगम द्वारा अभी तक विकास की अनुमति नहीं दी गई है, तो उन नक्शों को भी रद्द किया जाएगा। हालांकि, इस बैठक में कई बाधाएं भी उजागर हुईं, जो इस महत्वपूर्ण परियोजना के आगे बढऩे में रुकावट डाल रही हैं। इन बाधाओं में सबसे प्रमुख है उन भूमि मालिकों और डेवलपर्स की स्थिति, जिन्होंने पहले से ही अपनी भूमि के नक्शे पास करवा लिए हैं और यहां तक कि टाउनशिप और घर भी बना लिए हैं। इन लोगों ने नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से 3 से 5 लाख रुपये की फीस चुकाकर विकास की अनुमति प्राप्त की है। अब, जब आईडीए ने अहिल्या पथ परियोजना को मंजूरी दी है, तो यह साफ नहीं है कि कौन-से खसरे (खेतों की जमीन) इस योजना में शामिल होंगे और किस पर कार्रवाई की जाएगी।
बिकती गई जमीनें, पास होते गए नक्शे
दरअसल योजना की सुगबुगाहट शुरू होते ही उन्होंने अपनी जमीनों पर पहले से ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया है या फिर उन्हें निवेशकों को बेच दिया है। अब, आईडीए के इस नए निर्णय के बाद, उनकी योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इन भूमि मालिकों और डेवलपर्स ने टीएंडसीपी में अपनी योजनाओं के लिए बड़ी रकम खर्च की है, और अब उन्हें चिंता है कि आईडीए की योजना के चलते उनका निवेश व्यर्थ न चला जाए। हालांकि आईडीए ने आश्वासन दिया है कि इस योजना के तहत सभी संबंधित पक्षों को सुना जाएगा, और पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाएगा।
दो महीने पहले पास हुआ था अहिल्या पथ का प्रस्ताव
इससे पहले, 10 जुलाई को आईडीए की एक अन्य बोर्ड बैठक में अहिल्या पथ परियोजना को सिद्धांत रूप में मंजूरी दी गई थी। 75 मीटर चौड़ी सडक़ के साथ-साथ फुटपाथ, साइकिल ट्रैक, हरियाली, और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं भी विकसित की जाना हैं। दरअसल इस सडक़ को 90 मीटर चौड़ा बनाने का प्रस्ताव है, जिसमें 75 मीटर सडक़ के अलावा 15 मीटर की अतिरिक्त जगह पर हरियाली और अन्य सुविधाएं होंगी। इस सडक़ का निर्माण ‘कार्बन न्यूट्रल’ सिद्धांत पर किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इसी साल इन लोगों ने पास करवाए नक्शे
अशोक एसोसिएट्स ( चेतन शाह) ने नैनोद क्षेत्र में 3.14 हेक्टेयर में विकास के लिए अनुमति प्राप्त की है। इस आवेदन के अंतर्गत खसरा संख्या 135/2, 136/1/1/1, 136/1/1/2, 136/1/1/3, 136/1/2/2, और 136/2/1/1 शामिल हैं। इस आवेदन को 19 अप्रैल 2024 को मंजूरी दी गई थी।
रुपेश सिंघल और भावना सिंघल ने लिम्बोदरगारी क्षेत्र में 0.759 हेक्टेयर में विकास अनुमति के लिए आवेदन किया। खसरा संख्या 400/2/2 में 30 मई 2024 को स्वीकृति दी गई थी।
रामराज पिता लक्ष्मीनारायण, चंद्रशेखर पिता लक्ष्मीनारायण और अहिल्याबाई पति लक्ष्मीनारायण ने बड़ा बांगड़दा की 1.012 हेक्टेयर जमीन पर 5 जून 2024 को नक्शा पास करवाया। इसके खसरा नंबर 7/1/1/2 और 7/1/2/1/2 हैं।
प्रमोद कुलवाल और अन्य सह-आवेदकों ने नैनोद क्षेत्र में 5.509 हेक्टेयर जमीन पर टीएनसीपी से नक्शा पास करवाया। इस प्रोजेक्ट में शंकरलाल पिता छजूलाल घिया तर्फे रविश चन्द्र घीया पिता शंकरलाल घिया, सविता कुलवाल पति हरीश कुलवाल तर्फे प्रमोद पिता कैलाशचंद कुलवाल, प्रमोद पिता कैलाशचंद्र कुलवाल, पीयूष खंडेलवाल पिता कृष्णदास उर्फ कृष्णा खंडेलवाल, मती गीतादेवी पति कैलाशचंद्र कुलवाल तर्फे प्रमोद पिता कैलाशचंद कुलवाल, मती सुजाता पति प्रमोद कुलवाल तर्फे प्रमोद पिता कैलाशचंद्र कुलवाल, मती अंजू पति रविश घीया तर्फे रविश चन्द्र घीया पिता शंकरलाल घिया, हरीश कुलवाल पिता कैलाशचंद्र कुलवाल तर्फे प्रमोद पिता कैलाशचंद्र कुलवाल, अंकित पिता रविशचंद्र घीया तर्फे रविश चन्द्र घीया पिता शंकरलाल घिया, सौरभ खंडेलवाल पिता कृष्णदास खंडेलवाल शामिल हैं। यह आवेदन खसरा नंबर 10/1, 10/2, 8/1/1, 8/1/2, 8/1/3, 8/1/4, 8/2/2, 8/2/3, 8/3/3, 8/3/4, 8/3/5, 8/3/6, 8/3/7, 8/3/8 पर किया गया था। इसकी मंजूरी 30 मई 2024 को हुई।
भरत पिता चंद्रशेखर शर्मा ने बड़ा बांगड़दा के खसरा नंबर 129/1 और 129/2 की 0.324 हेक्टेयर जमीन पर 7 जुलाई 2024 को टीएनसीपी से नक्शा पास करवाया।
कैलाश चंद्र और अन्य द्वारा बांगड़दा बड़ा क्षेत्र में विकास के लिए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। इसमें रिद्धि सिद्धि डेवकॉन प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक मनीष लाधा पिता कैलाश चंद्र, सुमित जैन पिता मंगीलाल जैन, कैलाश चंद्र पिता रामगोपालदास महंत तर्फे रजिस्टर्ड डेवलपर सांचोरा रियल एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से खसरा संख्या 18/2/1, 19/2/2, 56/1/1, 57/2 की 2.9415 हेक्टेयर पर 9 जुलाई 2024 को अनुमति ली गई।
श्रीनाथ प्राइम डेवलपर्स तर्फे पार्टनर हार्दिक पिता दिलीप गोसर की तरफ से बुढ़ानिया की 1.897 हेक्टेयर जमीन का नक्शा 7 जुलाई 2024 को पास करवाया गया, जिसके खसरा नंबर 409/2/2/1 और 410/1/1 हैं।
आईडल ग्रुप रियालिटी की तरफ से जमीन मालिक बहादुर सिंह पिता अंतर सिंह ने बुढ़ानिया के खसरा नंबर 341/1/2 की 2.595 हेक्टेयर जमीन पर 19 अप्रैल 2024 को नक्शा पास करवाया।
मनोहर सिंह पिता गोपाल सिंह चौहान, सीमा पति विक्रम सिंह चौहान ने बड़ा बांगड़दा की 0.347 हेक्टेयर जमीन पर 17 मई 2024 को नक्शा पास करवाया। इसके खसरा नंबर 17/2/1/1, 17/2/1/2 और 17/2/2 हैं।
1400 हेक्टेयर जमीन आ रही योजनाओं में
अहिल्या पथ परियोजना के तहत 8 गांवों की 1400 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी, जिस पर किसान वर्तमान में तीन से चार बार खेती करते हैं। भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को उनकी कुल जमीन के 50 फीसदी विकसित प्लॉट्स वापस दिए जाएंगे। इस परियोजना का पहला चरण 400 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।
पांच चरणों में बनेगा अहिल्या पथ
आईडीए की योजना के अनुसार, अहिल्या पथ का निर्माण पांच चरणों में किया जाएगा…
- अहिल्या पथ-1 : 4.5 किलोमीटर लंबा, नैनोद से रिजलाय गांव तक।
- अहिल्या पथ-2 : 1.8 किलोमीटर लंबा, बुढानिया से बड़ा बंगाड़दा तक।
- अहिल्या पथ-3 : 2.4 किलोमीटर लंबा, पलकहेड़ी से बुढ़ानिया तक।
- अहिल्या पथ-4 : 1.25 किलोमीटर लंबा, पलकहेड़ी से लिम्बोदगारी तक।
- अहिल्या पथ-5: 5 किलोमीटर लंबा, रेवती से बरदरी तक।
सिंहस्थ में होगा फायदा
इस सडक़ के बनने से इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र में यातायात का भार कम होगा और धार से उज्जैन जाने वाले वाहनों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही, इस क्षेत्र में विकसित होने वाली नई टाउनशिप्स और विशेष रूप से ‘फिनटेक सिटी’ परियोजना से शहर की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
इंदौर का पश्चिमी क्षेत्र, जो अब तक विकास की मुख्य धारा से दूर था, इस परियोजना के जरिए एक नई पहचान पा सकता है। लेकिन, यह तभी संभव होगा जब सभी संबंधित पक्ष इस परियोजना में सहयोग करें और अहिल्या पथ को इंदौर की एक नई दिशा में ले जाने के प्रयास में शामिल हों। आईडीए ने इस परियोजना को साकार करने की दिशा में पहला कदम उठा लिया है, लेकिन अब उसे उन चुनौतियों का सामना करना होगा, जो इसकी राह में आ रही हैं। आईडीए किसानों और बिल्डरों से सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह रणनीति कितनी सफल होगी, यह आने वाला समय बताएगा।