IDA ने अहिल्यापथ के लिए बुलाई बोर्ड की बैठक, अधिकारियों पर दलालों के साथ मिलकर 1000 करोड़ के घोटाले का आरोप

इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की अहिल्यापथ स्कीम को लेकर शुक्रवार को बोर्ड बैठक होने वाली है, जहां अगली कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। इस स्कीम के संबंध में आरोप लगे हैं कि आईडीए और टीएंडसीपी के अधिकारियों ने दलालों के साथ सैटिंग करते हुए नक्शे पहले से ही कुछ व्यक्तियों को बताकर उन्हें पास कराकर एक हज़ार करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है। यह आरोप गंभीर हैं और इस बैठक में इन पर भी चर्चा हो सकती है।

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाया है कि इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के सीईओ राम प्रसाद अहिरवार, मयंक जगवानी, योगेन्द्र पाटीदार, प्लानर रचना बोचरे और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डिप्टी डायरेक्टर के.एस. गवली सहित कुछ अधिकारियों पर घोटाले के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में दलाल सचिन भाई और अतुल कांकरिया भी शामिल हैं, जिन्होंने स्कीम एरिया में डील की है। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।

राकेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि अहिल्या पथ के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल आईडीए के पूर्व अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा और सीईओ राम प्रसाद अहिरवार ने नवंबर 2023 में संयुक्त रूप से षड्यंत्र रचकर शुरू किया था। इस घोटाले में प्रायवेट कांट्रेक्ट के तौर पर नियुक्त कंसलटेंट मयंक जगवानी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री ने चावड़ा को पद से हटा दिया। इन आरोपों ने आईडीए की इस स्कीम पर गहराई से जांच की मांग को और बढ़ा दिया है।

राकेश यादव ने आरोप लगाया कि 12 अप्रैल को आईडीए के सीईओ अहिरवार ने अहिल्या पथ की स्कीम की समीक्षा कर खसरों पर सीमांकन कराकर ज़मीन के दलालों को योजना का प्रिंट आउट दे दिया। इसके बाद, अप्रैल से 20 जून 2024 तक जमीन के सौदे और डायवर्सन के साथ 155 एकड़ के नक्शे टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से स्वीकृत कराए गए। यह आरोप है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों को पता था कि इस भूमि पर आईडीए की स्कीम लागू होने वाली है। पिछली बोर्ड मीटिंग में स्कीम लॉन्च होनी थी, लेकिन कुछ बड़े जमीन के सौदे भोपाल के एक अधिकारी को करने थे।

यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सीईओ अहिरवार ने पूर्व मुख्यमंत्री को चुनाव में 20 करोड़ की आर्थिक मदद की है, और पूर्व मुख्यमंत्री का समर्थन उन्हें प्राप्त रहा। इस पूरे खेल से अधिकारियों को 65 से 75 लाख तक भू माफियाओं ने बांटे, जिससे आईडीए को 1000 करोड़ का नुकसान हुआ।