देवी अहिल्या विश्वविद्याल अब रैगिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ ऐसा कदम उठा रहा है। जिससे आगे आने वाले समय में रैगिंग करने वालों के होश उड़ जाएंगे। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के आईईटी कैंपस में रैगिंग के मामले सामने आने के बाद अब डीएवीवी ने भी सख्त कार्रवाई करने की ठान ली है। विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर चार छात्रों को निष्कासित किया गया है। इसके साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। छात्रों पर हॉस्टल में तोड़फोड़ और सीसीटीवी कैमरे खराब करने का आरोप है।
सीनियर छात्रों को अब आएंगी समझ
इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (आईईटी) के जूनियर छात्रों से रैगिंग करने के मामले में अब फाइनल ईयर के दो छात्रों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद भंवरकुआं पुलिस जांच में जुटी है। रिपोर्ट में जिन छात्रों के नाम सामने आए हैं, उनमें फाइनल ईयर के दो ऐसे छात्र भी शामिल हैं, जिन्हें नामी कंपनियों से जॉब आफर मिले हैं।
नेपाल के जेन-जी आंदोलन को किया फॉलो
वहां उनसे फर्जी जीमेल, इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया अकाउंट बनवाकर संस्थान के खिलाफ पोस्ट करने को कहा गया। इसी दौरान कुछ जूनियर्स ने हॉस्टल में तोड़फोड़ भी की। एंटी रैगिंग कमेटी की जांच में यह बात सामने आई कि छात्रों ने नेपाल के जेन-जी आंदोलन की तर्ज पर प्रदर्शन की योजना बनाई थी।
24 से अधिक छात्रों पर संदेह
एंटी रैगिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में करीब दो दर्जन छात्रों की भूमिका संदिग्ध बताई है। इनमें फर्स्ट ईयर के साथ-साथ थर्ड और फाइनल ईयर के छात्र भी शामिल हैं। फिलहाल भंवरकुआं पुलिस ने होस्टल के सीसीटीवी-डीवीआर तोड़ने के मामले में चार छात्रों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। जबकि रैगिंग प्रकरण की जांच अब भी जारी है।
जाब ऑफर करने वाली कंपनियों को भजेगे रिपोर्ट
प्लेसमेंट सेल के मुताबिक फाइनल ईयर के जिन दो छात्रों के नाम सामने आए हैं, उन्हें कंपनियों से अच्छे पैकेज पर जाब आफर मिल चुके हैं। अगले साल मई में उन्हें ज्वाइनिंग करनी है। लेकिन नियमानुसार कंपनियों को इससे पहले छात्रों की रिपोर्ट भेजनी होती है। ऐसे में रैगिंग मामले का जिक्र नौकरी पाने वाले छात्रों के रिकार्ड में जोड़ा जा सकता है, जिससे उनकी नौकरी पर असर पड़ सकता है।