इंदौर शहर ने स्वच्छता में जिस तरह से पूरे देश में परचम लहराया है उसी तरह अब यातायात में भी परचम लहराने की आवश्यकता है। इसके लिए अब इंदौरवासियों में जागरूकता तो कई बार फैलाई जा रही है लेकिन शहर का ट्रैफिक सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते अब हाईकोर्ट ने अधिकारियों को वाहन चालकों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए है।
दरअसल, शहर के बिगड़ते ट्रैफिक पर एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिस पर विगत 8 जुलाई को सुनवाई हुई थी जिसमें कोर्ट ने 10 बिन्दूओं पर रिपोर्ट मांगी थी। यहीं मंगलवार को ही सुनवाई में हाईकोर्ट ने अधिकारियों को वाहन चालकों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए है। न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने कहा कि सख्ती के बिना सुधार संभव नहीं है। कोर्ट ने सड़क पर अतिक्रमण और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
इंदौरियों को है जागरूक करने की आवश्यकता
इंदौर समझदार लोगों का शहर है। थोड़ी-सी सख्ती करोगे तो यह लोगों की आदत में शामिल हो जाएगा। वर्तमान में लोगों में कानून का कोई डर नहीं है। शहर का यातायात सुधारना है तो यहां के लोगों को जागरूक करना होगा। पुलिस हर जगह खड़ी नहीं रह सकती। इंदौर स्वच्छता में नंबर वन बन सकता है तो यातायात में क्यों नहीं। यहीं शासन और नगर निगम की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट भुवन गौतम ने कोर्ट को बताया सिग्नल जंप करने वालों पर कार्रवाई की जाती है। जिसमें यह बात भी सामने आई है कि इंदौरवासी सिग्नल तोड़ने में भी अव्वल है।
अतिक्रमण से सकरी हो रही सड़कें
हाईकोर्ट ने व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि हालत यह है कि आधी से ज्यादा सड़क पर दुकानदारों का सामान पड़ा रहता है। निगम की टीम कार्रवाई के लिए निकलती है तो दुकानदार सामान अंदर कर लेते हैं। कार्रवाई खत्म होते ही दुकानें फिर सड़क पर उतर आ जाती हैं। सड़क की वास्तविक चौड़ाई देखना हो तो सुबह पांच बजे निकलकर देखो।