सनातन धर्म में विवाह केवल एक सामाजिक अनुबंध नहीं बल्कि दो आत्माओं का पवित्र मिलन माना जाता है। यह एक ऐसा संस्कार है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से भी जोड़ता है। विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच तालमेल और सामंजस्य बनाए रखने में केवल व्यवहारिक पहलू नहीं, बल्कि ग्रहों की स्थिति भी अहम भूमिका निभाती है। अगर ग्रहों का संतुलन बिगड़ा हुआ हो, तो वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
कुंडली में मांगलिक दोष और विवाह की जटिलताएं
कई बार व्यक्ति की जन्मकुंडली में मांगलिक दोष पाया जाता है। यह दोष मंगल ग्रह की स्थिति के कारण उत्पन्न होता है और इसके प्रभाव से विवाह में देरी, पति-पत्नी में टकराव या विवाह के बाद समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में केवल ज्योतिषीय उपाय ही राहत दे सकते हैं। घट विवाह इन्हीं उपायों में से एक है, जो कुंडली के दोषों को दूर करने की वैदिक प्रक्रिया मानी जाती है।
घट विवाह क्या होता है?
घट विवाह एक प्रतीकात्मक और धार्मिक प्रक्रिया है। ‘घट’ का अर्थ होता है जल से भरा कलश। इस अनुष्ठान में वर या कन्या का विवाह किसी घट (कलश), पीपल वृक्ष, सुराही या भगवान की मूर्ति से कराया जाता है। कन्या यदि मांगलिक दोष से पीड़ित हो, तो उसका विवाह कलश या विष्णु भगवान की मूर्ति से कराया जाता है। वहीं, वर का विवाह सुराही या किसी प्रतीकात्मक वस्तु से कराया जाता है। इसे पहला विवाह माना जाता है और इसके बाद असली जीवनसाथी से विवाह होता है।
घट विवाह का उद्देश्य और प्रक्रिया
घट विवाह पूरी तरह से वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधानों के अनुसार संपन्न किया जाता है। इसमें विवाह की सभी रस्में—जैसे कन्यादान, सप्तपदी और अग्नि के फेरे—की जाती हैं, लेकिन जीवनसाथी के रूप में प्रतीकात्मक वस्तु को सामने रखा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है कुंडली में मौजूद दोषों को शांत करना, जिससे विवाह के बाद होने वाली समस्याएं कम हो सकें और दांपत्य जीवन सुखमय हो।
क्या घट विवाह अंधविश्वास है?
आज के युग में कई लोग इस प्रक्रिया को अंधविश्वास या रूढ़िवादिता मानते हैं। लेकिन ज्योतिष और वैदिक मान्यताओं के अनुसार, यह एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से की जाने वाली धार्मिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य ग्रह दोषों को संतुलित करना होता है। इसे कर्मकांड और आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है, जो आज भी भारत के कई राज्यों—जैसे राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश—में मान्यता के साथ की जाती है।