राहुल जैन/ ललितपुर- मन में अगर सच्ची श्रद्धा और इच्छा हो तो भगवान दान लेने वाले को भी देने वाला बना देते है यही वाक्य देखने को मिला आज अन्नपूर्णा भोजनशाला में,जहाँ आज एक व्यक्ति जो देख नहीं सकता उसकी पत्नी भी देख नहीं सकती और स्वयं का भरण पोषण भी भीख मांग कर करता है, ऐसे भिखारी दंपत्ति ने जो प्रतिदिन सुबह अन्नपूर्णा में भोजन प्राप्त करता है अपने पिताजी की पुण्य स्मृति में सभी लोगों को भोजन कराने के भाव प्रकट किए और आज सुबह के समय उन्होंने मीठा सहित अन्नपूर्णा भोजन शाला में जरूरतमंदों को भोजन कराया
जिसके लिए उन्होंने ₹8000 की नगद रसीद कटवाई कुछ दिन पूर्व मुनि पुंगव श्री सुधा सागर महाराज जब अन्नपूर्णा भोजन शाला में आए थे तब उन्होंने इसी दंपत्ति को भोजन करते देखकर हर्षित मन से उसे आशीर्वाद प्रदान किया था जिससे इस दंपत्ति की आंखों में आंसू भी आ गए थे और इतने निर्मल भाव उक्त दंपति के थे की आज वह स्वयं दूसरों को भोजन कराने के भाव कर रहे हैं और करा भी रहे हैं निश्चित रूप से भगवान कण-कण में होते हैं हम सभी को इस बात से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कोई अमीर कोई गरीब नहीं होता कोई लेने वाला कोई देने वाला नहीं होता जिस के भाव उत्कृष्ट होते हैं वही देने वाला होता है