स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश के आईएफएस अफसरों ( IFS officers ) ने भी आईएएस की तरह संपत्ति खरीदी है। कई अफसरों ने तो टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास जमीनें खरीदी हैं, जिससे उनका उपयोग रिटायरमेंट के बाद होटल-रिसोर्ट का संचालन करने किया जा सके। वैसे फॉरेस्ट के कई अफसर रिटायरमेंट के बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ के पास रिसोर्ट चला रहे हैं।
संपत्ति के मामले में IFS officers भी आगे
अफसरों की संपत्ति के खुलासे में सबसे अधिक प्रॉपर्टी अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव के पास 19.50 करोड़ और आईपीएस में स्पेशल डीजी 10.51 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, तो वहीं आईएफएस अफसरों ( IFS officers ) में सतना डीएफओ मयंक चांदीवाल टॉप पर हैं। इनके पास 17 करोड़ का एक प्लॉट इंदौर में है। वहीं सबसे अधिक प्रॉपर्टी वाले आईएफएस अफसरों में एपीसीसीएफ मोहन लाल मीना पहले स्थान पर हैं। इनके पास 13 प्रॉपर्टी हैं। इन्होंने मप्र ही नहीं, बल्कि राजस्थान में भी संपत्ति खरीदी है। आईएफएस अफसरों ने बड़े शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश करने के साथ ही टाइगर रिजर्व के आसपास भी जमीनें खरीदी हैं। डीएफओ बैतूल विजयनाथम टीआर सबसे अधिक प्रॉपर्टी वाले टॉप टेन आईएफएस में शामिल हैं। मधु वी राज वन संरक्षक छिंदवाड़ा ने चार में से सिर्फ एक प्रॉपर्टी की कीमत बताई है जो 14 करोड़ रुपए की है।ं
संपत्ति के दिए ब्योरे में खुलासा, डीएफओ के पास 17 करोड़ का प्लॉट
आईएफएस अफसरों के प्रॉपर्टी के ब्यौरे की पड़ताल में सामने आया है कि कई अफसरों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से कम बताई है। ऐसे अफसरों में एचएस मोहंता, डॉ. समिता राजौरा, देव प्रसाद जे, रमेश चंद्र विश्वकर्मा, प्रशांत कुमार सिंह जैसे अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा बसवराज अन्नेगिरी, बासु कनौजिया जैसे चर्चित आईएफएस ने प्रॉपर्टी नहीं होने की जानकारी दी है।
58 अफसरों के पास नहीं है प्रॉपर्टी
वन विभाग के 187 आईएफएस अफसरों ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्योरा ऑनलाइन किया है। इसमें से 58 अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी जीरो बताई है। इसमें वाइल्ड लाइफ चीफ शुभरंजन सेन जैसे अधिकारी भी शामिल हैं। इसके अलावा महत्वपूर्ण पदों पदस्थ रहे कई अधिकारियों ने भी अपनी संपत्ति कुछ नहीं होना बताया है। वहीं कई अधिकारियों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से कम भी बताई है।