IIM अहमदाबाद खोलेगा अपना पहला इंटरनेशनल कैंपस, इस देश में होगी शुरुआत

भारतीय शिक्षा जगत में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, क्योंकि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद ने घोषणा की है कि वह दुबई में अपना पहला इंटरनेशनल कैंपस खोलेगा। यह कदम आईआईएम अहमदाबाद के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है, क्योंकि यह संस्थान देश से बाहर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाला पहला IIM बन जाएगा।

आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक, प्रोफेसर भारत भास्कर ने इस संबंध में जानकारी दी और बताया कि इस नए कैंपस में पहला प्रोग्राम सितंबर 2025 से शुरू होगा। इस कदम से न केवल IIM अहमदाबाद की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत होगी, बल्कि भारतीय शिक्षा संस्थानों के लिए वैश्विक मंच पर नए अवसर भी खुलेंगे।

‘मदन मोहनका सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ का ऐलान

इस ऐतिहासिक अवसर पर, प्रोफेसर भास्कर ने आईआईएम अहमदाबाद के नए ‘मदन मोहनका सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ की भी घोषणा की। यह सेंटर विशेष रूप से केस मेथड ऑफ लर्निंग पर केंद्रित होगा। इस पहल को आईआईएम अहमदाबाद के 1967 बैच के पूर्व छात्र मदन मोहनका के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र के जरिए छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श करने का मौका मिलेगा, जो उनके पेशेवर विकास में सहायक साबित होगा।

दीक्षांत समारोह में ISRO के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ का प्रेरणादायक भाषण

आईआईएम अहमदाबाद के 60वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इसरो के पूर्व अध्यक्ष, श्री एस सोमनाथ ने छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने 1200 से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की और जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि असफलता का सामना करने की ताकत ही सफलता की कुंजी है।

सपने साकार करने के लिए सही समय का इंतजार करें

एस सोमनाथ ने छात्रों को सलाह दी कि जीवन में कुछ मौके एक ही बार आते हैं। इसलिए, इन अवसरों को पहचानने और खुद को पूरी तरह से तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महान नेता वही होते हैं जो सही समय का इंतजार करते हैं और अपनी पूरी ताकत से अपने सपनों को साकार करते हैं।