स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल में चल रहे आलमी तब्लीगी इज्तिमा ( Ijtima ) का रविवार को तीसरा दिन था। इज्तिमा में 7 से 8 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है। तीन सेशन में तकरीर (उपदेश) हुआ। इस साल इज्तिमे में 33 देश से 433 मेहमान आए हैं। इन्हें हाई सिक्योरिटी एरिया में ठहराया गया है। विदेश से आई इन जमातों के लिए तीन लेयर पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
Ijtima में 3 लेयर सिक्योरिटी में हर लेयर पर 50-50 वॉलेंटियर्स
इज्तिमा ( Ijtima ) कमेटी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि 3 लेवल की सिक्योरिटी में हर लेवल पर 50-50 वॉलेंटियर्स तैनात रहते हैं। इनकी ड्यूटी 8 घंटे की रहती है। एक शिफ्ट खत्म होने पर दूसरे वॉलेंटियर्स चार्ज लेते हैं। यह प्रोसेस दिन-रात चलती रहती है। तीन शिफ्ट में वॉलंटियर ड्यूटी देते हैं। यहां चौकी से पुलिस भी आसपास नजर रखती है। यहां भी शिफ्ट में 10-10 पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं। मेन गेट पर पुलिस के एक वॉच टॉवर पर भी चौबीस घंटे पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। जो भी विदेशी जमात आ रही है, भारत उनका मेजबान है। यहां उन्हें कोई भी परेशानी न हो, इसका ख्याल रखा जाता है, जिससे वे भारत के लिए पॉजिटिव इमेज लेकर अपने देश जाएं और विश्व में भारत की मेहमाननवाजी का प्रचार करें। आजादी से पहले भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश का संयुक्त इज्तिमा हुआ करता था। 1947 में बंटवारे के बाद से बांग्लादेश में अलग इज्तिमा होने लगा। पाकिस्तान की जमातें इसी का हिस्सा बनती हैं। 77 बरस के इज्तिमा इतिहास में भारत के इज्तिमा में कभी पाकिस्तान को जगह नहीं दी गई। पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा 45 मुल्कों के 142 से अधिक जमाती शामिल हुए हैं। इनमें म्यांमार, मोरक्को, ईराक, यूके, सिंघाई, यूएसए, थाईलैंड, बांग्लादेश, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, केन्या, ट्यूनिशिया, फ्रांस, इजिप्ट, सूडान, उज्बेकिस्तान, मलेशिया, जर्मनी, सऊदी अरब, किर्गिस्तान के नागरिक शामिल हैं।